जानकारी के अनुसार जयपुर-आगरा राजमार्ग से जुड़े बस्सी-गंगापुर स्टेट हाईवे पर स्थित बस्सी उपखंड मुख्यालय से जयपुर, बस्सी, तूंगा, लालसोट, गंगापुरसिटी ही नहीं, बल्कि उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश एवं गुजरात समेत विभिन्न राज्यों के लोग यहां से आवाजाही करते हैं, लेकिन बस्सी कस्बे में मुख्य बस स्टैण्ड के पास सड़क पर अतिक्रमण होने एवं बेतरतीब वाहनों को खड़ा कर देने से यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। स्थिति यह है कि सुबह-शाम तो जाम की स्थिति बन जाती है। यातायात व्यवस्था प्रभावित नहीं हो इसके लिए प्रशासन ने बस्सी चक से कृषि अनाज मंडी तक स्टेट हाईवे की सड़क पर काबिज अतिक्रमियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। कार्रवाई के दौरान सड़क के दोनों तरफ से अतिक्रमण को हटवाया था, लेकिन इन अतिक्रमियों के फिर से काबिज होने से आवागमन में असुविधा हो रही है।
बैंकों के सामने समस्या अधिक यहां के मुख्य बस स्टैण्ड के पास आधा दर्जन से अधिक सरकारी और निजी बैंक संचालित है। उनमें आने वाले ग्राहक अपने चौपहिया और दुपहिया वाहनों को सड़क पर जहां जगह मिली वहां पर बेतरतीब खड़ा कर बैंक में अपने कार्य के चले जाते है। ऐसे में यहां से गुजरने वाले अन्य वाहनों को आवागमन में काफी परेशानी होती है।
अभियान तक सीमित रहती कार्रवाई ग्राम पंचायत की ओर से जयपुर-गंगापुर स्टेट हाईवे समेत कस्बे के बाजारों में समय-समय पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाती है, लेकिन जब तक अतिक्रमण हटाने का अभियान चलता है, तब तक व्यवस्था ठीक रहती है। इसके बाद जैसे ही अभियान समाप्त हुआ और फिर से अतिक्रमण करने से हालात ढाक के तीन पात वाले हो जाते हैं। वहीं सरपंच ने भी अभियान चलाकर नो पार्किंग जोन से अतिक्रमण व बेतरतीब वाहन खड़े करने पर कार्रवाई करने की कहकर इतिश्री कर ली, लेकिन स्थाई समाधान का रास्ता नहीं निकाला।
नो-पार्किंग जोन घोषित प्रशासन ने अतिक्रमण हटवाने के बाद मुख्य बस स्टैण्ड के आस-पास के क्षेत्र को नो-पार्किंग जोन घोषित किया था। नो-पार्किंग के बोर्ड भी लगवाए दिए। पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया, लेकिन प्रशासन के सुस्त होते हुए ही नो-पार्किंग व्यवस्था फेल हो गई। इससे मुख्य बस स्टैण्ड के आस-पास थड़ी, सब्जी, फलवाले, समोसे-कचौड़ी बेचने वालों का जमावड़ा रहता है। दुकानदारों ने भी सड़क पर सामान रखकर अस्थाई अतिक्रमण कर रखा है। वहीं बस स्टैण्ड से विभिन्न स्थानों के लिए सवारी वाहन भी खड़े रहते हैं, जिससे सड़क पर आवागमन का रास्ता पर्याप्त नहीं बचता। शादी-विवाह उत्सवों एवं त्योहारों पर बार-बार जाम लगता रहता है, जिससे वाहन रेंग-रेंगकर चलते हैं।
कई बार लगता जाम ढाई साल से मुख्य बस स्टैण्ड समेत आस-पास घोषित नो-पार्किंग में खड़े वाहनों पर कार्रवाई नहीं होने से स्थिति खराब हो गई है। यदि यहां फिर से पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया जाए तो व्यवस्था सुचारू हो सकती है। वहीं दुकानदार खुद और ग्राहकों से भी वाहन को सुव्यवस्थित करवा सकते हैं। (का.सं.)
इनका कहना है मुख्य बस स्टैण्ड पर नो-पार्किंग जोन घोषित कर रखा है तो पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर इसकी पालना करवाई जाएगी। अशोक कुमार शर्मा, एसडीएम बस्सी