शाहपुरा शहर में सुबह से शाम तक हर वर्ग के लोग पतंगबाजी करते नजर आए। हालांकि दिनभर चली सर्द हवाओं और कोरोना संक्रमण के चलते पिछले सालों के मुकाबले इस बार छतों पर भीड़ कम नजर आई, लेकिन अधिकांश लोगों ने परिवार के साथ पतंगबाजी का आनंद लिया। जिससे आसमां पतंगों से अटा नजर आया।
तेज सर्दी के बावजूद युवाओं का उत्साह देखने लायक था। युवाओं ने डीजे की धुनों के साथ पतंगबाजी का आनंद लिया। इलाके में दिनभर बादलों और सूर्यदेव में लुकाछिपी का खेल व सर्द हवा चलने से तेज ठंड रही।
इलाके में अन्य जगह भी मकर संक्रांति का पर्व लोगों ने अपनी-अपनी परम्परा के अनुसार मनाया। किसी ने दान-पुण्य किया तो किसी का पूरा दिन पतंबाजी में गुजरा। सुबह होते ही बच्चे, युवा, महिलाएं और बड़े सभी पतंग और मांझा लिए छतों पर पहुंच गए। पतंगों को लड़ाने और उन्हें काटने में युवतियां और घर की महिलाएं भी साथ देती नजर आई।
क्षेत्र में सुबह से शाम तक सर्द हवाएं चलने के बावजूद पतंगबाजी के शौकीन लोग छतों पर डटे रहे। छतों पर तेज आवाज में बजते गाने और वो काटा का शोर दिनभर गूंजता रहा और पूरा आसमान रंग-बिरंगी पंतगों से अटा रहा। शाम को कई लोगों ने आतिशबाजी भी की। लोगों ने घरों में बनाए दाल, बाटी, चूरमा, पकौड़ी, हलवा, तिल के लड्डू सहित विभिन्न व्यंजनों का भी आनंद लिया।