ग्रामीणों ने बताया कि यह सड़क बाड़ापदमपुरा से पीपल्याबाई गांव को जोड़कर बिशनसिंहपुरा रूपपुरा होती हुई सांभरिया-कानोता रोड में मिल रही है। सड़क पर ढूंढ नदी में पुल नहीं बना होने से रोजाना सैकड़ों लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। वाहन चालकों को पीपल्याबाई से बराला हनुमानपुरा होते हुए सात किलोमीटर का चक्कर लगाकर बाड़ापदमपुरा आना पड़ता है। बाड़ापदमपुरा सरपंच द्वारा ढूंढ नदी में पुल बनवाने को लेकर कई बार जेडीए अधिकारियों व मंत्रियों को लिखित में अवगत कराया, लेकिन सुध नहीं ली।
सांसद ग्राम पंचायत योजना में गांव दौसा सांसद हरीश मीणा के द्वारा सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत ग्राम पंचायत बाड़ापदमपुरा को गोद लिया हुआ है, लेकिन फिर भी यहां के बाशिंदे सुलभ आवागमन को तरस रहे हैं। आदर्श गांव योजना के तहत ढूंढ नदी पर पुलिया बनाने का प्रस्ताव भी बनाया गया था, लेकिन अमल नहीं हुआ। इससे लोगों के राजमर्रा के काम प्रभावित हो रहे हैं। पीपल्याबाई व अन्य गांव ढाणियों से बच्चे स्कूलों में नहीं जा पा रहे हैं।
दो दर्जन गांवों का सम्पर्क टूटा ढूंढ नदी के बहाव में सड़क के बहने से पीपल्याबाई, खिजुरिया जाटान, महाराजपुरा, बिशनसिंहपुरा, रूपपुरा सांख, कानोता, गोनेर, बाड़ापदमपुरा, बल्लुपुरा, बराला आदि गांवो का सीधा सम्पर्क टूट गया है।
इनका कहना है खसरा नम्बर 115 का नक्शा, जमाबन्दी जेडीए जोन 14 के अमीन को दिए 4 माह से अधिक हो गए। अमीन की हठधार्मिता के कारण मौके की रिपोर्ट नहीं की जा रही है।
अर्जुन लाल मीणा, सरपंच, बाड़ापदमपुरा अमीन से बात करके जल्दी ही मौके की रिपोर्ट करा दी जाएगी और जल्दी ही ग्रामीणों की समस्या का समाधान कराया जाएगा। बद्रीनारायण मीणा, तहसीलदार, जेडीए जोन-14
देवगांव. सांभरिया-बाड़ापदमपुरा सड़क मार्ग पर स्थित ढूंढ नदी की रपट पर ऊंटगाड़ी सहित दो लोगों के बहने की घटना के 3 दिन बाद भी जेडीए व पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने रपट की सुध नहीं ली है। पिछले दो दिन से नदी का बहाव तेज होने से लोगों का आवागमन बंद है। जब इस संबंध में पीडब्ल्यूडी एक्सईएन रणवीर सिंह से पूछा तो उन्होंने सड़क अधिकार क्षेत्र में नहीं आना बताया। वहीं जेडीए द्वारा पत्र लिखकर स्थानान्तरित करने की जानकारी दी तो एक्सईन ने जवाब दिया कि लेटर लिखने से सड़क हमारी थोड़ी हो गई। वहीं रपट का मौके पर जाकर ढाई करोड़ रुपए का एस्टीमेट बनाने की जानकारी मांगने पर एक्सईन ने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि एस्टीमेट तो बनते रहते हैं। गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 25 जुलाई 2018 को ढूंढ नदी की रपट से ऊंट गाड़ी सहित बहे 2 लोग, 1 घंटे मौत से सामना, बचाया 19 जुलाई 2018 को ‘पीडब्ल्यूडी जेडीए विवाद तोड़ ना दें जीवन की डोर शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर प्रशासन की लापरवाही उजागर की थी, लेकिन अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण रपट का कोई जिम्मेदार ही नहीं है।
इन गांव का आवागमन बंद ढूंढ नदी की रपट में पानी का बहाव तेज होने से 2 दिनों से छोटे बड़े करीब 2 दर्जन से अधिक गांवों के लोगों का आवागमन बंद हो गया यह है। इससे गांव जगदीशपुरा, सांभरिया, चाकसू, बाड़ापदमपुरा, कानोता, बस्सी, गोनेर, जयपुर, खिजूरिया, फालियावास, पालावाला जाटान आदि गांवों के लोग परेशान है
विधायक ने झाड़ा पल्ला क्षेत्रीय विधायक अंजू धानका को समस्या के बारे में पूछा तो विधायक ने कहा कि मेरी मां आईसीयू में भर्ती है और मैंने पिछले कई दिनों से अखबार नहीं पढ़ा है, जबकि गौरतलब है कि 1 दिन पूर्व ही बुधवार को विधायक बांसखोह में विद्यालय के कक्षा कक्षों का उद्घाटन करने आई थी।