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बस्सी

प्रशासन की नाक के नीचे अंधेरगर्दी

बस्सी उपखण्ड क्षेत्र में एक ही मैरिज होम नहीं पंजीकृत
 

बस्सीJul 14, 2018 / 11:59 pm

Surendra

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प्रशासन की नाक के नीचे अंधेरगर्दी

बस्सी. करीब एक साल पहले भरतपुर और जयपुर के एक मैरिज होम में हुए दर्दनाक हादसे के बाद भी प्रशासन नहीं चेता है। बस्सी उपखण्ड क्षेत्र में करीब डेढ़ दर्जन से अधिक मैरिज गार्डन संचालित हैं, लेकिन एक भी गार्डन पंजीकृत नहीं है। ग्राम पंचायत क्षेत्राधिकार से बाहर का मामला बताकर कार्रवाई से बच रही है। प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है। जिससे नियमों की अनदेखी कर मैरिज गार्डन संचालक जनता की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि भरतपुर में 10 मई 2017 की रात एक मैरिज होम की दीवार गिर जाने से करीब दो दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद जयपुर में सिरसी रोड पर एक मैरिज गार्डन में हादसा घटित हो गया था। सरकार द्वारा इस मामले में मुहिम छेडऩे के बाद भी हालात ढाक के तीन पात है।
राज्य सरकार ने ऐसी घटना प्रदेश में दुबारा न हो, इसके लिए अवैध रूप से संचालित मैरिज होम के खिलाफ सख्ती भी बरती। जयपुर समेत कई शहरों में मैरिज होम पर कार्रवाई की गई, लेकिन राजधानी की नाक के नीचे बसे बस्सी उपखण्ड क्षेत्र में राजस्व विभाग के नियम-कानूनों की परवाह किए बिना कृषि भूमि पर कुछ लोग मैरिज होम बनाकर मोटी कमाई कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि उपखण्ड क्षेत्र में संचालित मैरिज होम में से किसी का भी पंजीकरण नहीं है। कई मैरिज होम में तो पार्किंग तक की व्यवस्था नहीं है, जिसके चलते जयपुर-गंगापुर स्टेट हाईवे पर ही बुकिंग के दौरान पार्किंग करवा दी जाती है, जिससे यातायात बाधित होता रहता है, लेकिन पुलिस व प्रशासन इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करता। इसके अलावा अग्निशमन समेत अन्य सुरक्षा संबंधी इंतजाम भी माकूल नहीं है। इसके बावजूद मनमाने दामों पर मैरिज होम बुक किए जाते हैं।
नहीं है पंचायतीराज में प्रावधान

ग्राम पंचायत बस्सी के सरपंच विनोद शर्मा ने बताया कि बस्सी कस्बे में संचालित मैरिज होम कृषि भूमि में संचालित हैं। पंचायतीराज में मैरिज होम के पंजीकरण का अधिकार नहीं है। इसके चलते पंचायतें कार्रवाई नहीं कर सकती है। उन्होंने माना कि मैरिज होम के कचरे का निस्तारण भी ग्राम पंचायत के सफाईकर्मियों को करना पड़ता है।
बस्सी उपखण्ड में मैरिज होम की स्थिति

स्थान संख्या

बस्सी 9
बांसखोह 2
तूंगा 2
कानोता 4
सांभरिया 1

पंचायत खुद आगे आएं

लोगों का कहना है कि खुद ग्राम पंचायत को आगे आकर जिला कलक्टर या एसडीएम को पंचायत क्षेत्र में संचालित मैरिज होम की जानकारी देकर कार्रवाई का अधिकार मांगना चाहिए। पंचायत यह कहकर कैसे बच सकती हैं कि पंचायतीराज में इस बारे में कोई प्रावधान नहीं है, क्योंकि इससे पंचायत राजस्व की ही आय बढ़ेगी।
कतरा रहे संचालक

जानकार सूत्रों के अनुसार यहां पर संचालित मैरिज गार्डनों के संचालक जेडीए से एनओसी तो ले ले, लेकिन डीएलसी रेट अधिक होने से वे कतरा रहे है। जब तक कोई कार्रवाई नहीं करता है, तब तक बिना किसी की रोकटोक के अवैध रूप से गार्डन संचालित कर रहे हैं।
इनका कहना है


पंचायतीराज में ग्राम पंचायत द्वारा मैरिज गार्डन संचालन करने के लिए एनओसी देने का प्रावधान नहीं है। इन्हें जेडीए से एनओसी लेनी चाहिए। फिर भी मौका देखकर कार्रवाई की जाएगी।
अशोक शर्मा, उपखंड अधिकारी, बस्सी

पंचायतीराज में मैरिज होम का पंजीकरण करने का अधिकार नहीं है। बस्सी कस्बे में संचालित एक भी मैरिज होम पंजीकृत नहीं है। ये कृषि भूमि पर हैं। सभी मैरिज होम नियमानुसार चलने चाहिए। सरकार ग्राम पंचायतों को विशेष अधिकार प्रदान करे तो अवैध रूप से संचालित मैरिज गार्डनों पर कार्रवाई की जा सकती है।
विनोद कुमार शर्मा, सरपंच, बस्सी

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