निरीक्षण के लिए कुल विद्यालयों में से 20 प्रतिशत विद्यालयों का चयन किया गया है। इस अनुसार क्षेत्र के 148 विद्यालयों में 29 विद्यालयों के निरीक्षण के लिए 15 अलग-अलग टीमें गठित की गई है। औचक निरीक्षण से पहले ही निरीक्षण की दिनांक बताने से स्कूलों में पौषाहार की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पाता। हर साल निरीक्षण के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। स्कूलों के पोषाहार प्रभारी व संस्था प्रधान को पता रहता है कि निरीक्षण कब होना है। इसके लिए अगले दो चार दिन तक व्यवस्थाओं को सही रखना कोई बड़ा काम नहीं होता। निरीक्षण के दौरान भोजन की गुणवत्ता, रसोई की साफ सफाई, उपलब्ध, बर्तनों व दूध की गुणवत्ता व माप आदि की जांच की जाएगी। टीम में एडीएम, एसडीएम तहसीलदार, सीबीईओ, एसीबीईओ, बीडीओ व सीडीपीओ सहित पीईईओ स्तर के अधिकारी शामिल होंगे।
इनका कहना है ब्लॉक अनुसार निरीक्षण करने वाले अधिकारियों व स्कूलों की सूची तैयार की गई है। क्षेत्र के 29 स्कूलों का निरीक्षण संबंधित अधिकारियों के माध्यम से किया जाएगा। निरीक्षण के बाद रिपोर्ट निर्धारित प्रपत्र में उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी।
अनिल कुमार यादव, मिड डे मील प्रभारी, कोटपूतली