शाहपुरा। मां से बढ़कर दुनिया में इंसान के लिए भला कोई क्या होगा। मां होती ही ऐसी हैं। अपने बच्चों के लालन-पालन से लेकर उसे शिक्षित कर कामाऊ बनाने का सपना हर मां सजोती हैं और अंतिम सांस तक उसके सुखी जीवन की कामना करती है। शाहपुरा कस्बा निवासी एक मां ने अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर डॉक्टर बनाया। मां के ममत्व और मुश्किल हालातों में भी बच्चों को सशक्त करने के उसके जज्बे का एक उदाहरण है।
कस्बा निवासी प्रेम देवी जाट वर्ष 1990 से राजनीति में रही है। उनके पति खेमचंद जाट वन विभाग में अधिकारी रहे है। जो 1982 से लेकर 2017 सेवानिवृति तक अधिकतर समय बाहर रहे।
इधर, व्यस्त जीवन के बावजूद प्रेम देवी ने अपने दो बेटे व एक बेटी को शिक्षा देने से लेकर पालन-पोषण की जिम्मेदार बखूबी निभाई। 1985 में शादी के बाद स्वयं ने भी स्नातक एवं पीजी की डिग्री प्राप्त की।
वर्ष 1990 में नगरपालिका में पार्षद बनने के साथ ही 1997 में नगरपालिका अध्यक्ष बनी। राजनीतिक मेें रहते हुए उन्होंने अपनी एक बेटी व दो बेटों को शिक्षित करते हुए डॉक्टर बनाया।
प्रेम देवी ने बताया कि बड़ा बेटा तरूण कुमार २००८ में एमबीबीएस के लिए चयनित हुए और 2015 में चिकित्सक बना। जो वर्तमान में साईवाड़ पीएचसी में चिकित्साधिकारी पद पर नियुक्त है। इनसे छोटा बेटा दीपक 2017 में चिकित्सक बना। जो बांसवाड़ा स्थित कलवाड़ा ग्राम पंचायत के कोहाला पीएचसी में चिकित्सा अधिकारी है।
जबकि बेटी शालिनी भी 2005 बीडीएस के लिए चयन हुई। इसके बाद एमडीएस 2015 में पूरी की। वर्तमान में वह जयपुर में निजी प्रेक्टिस कर रही है। बेटी की शादी कर दी है।
इधर, बेटा तरूण, दीपक व बेटी शालिनी ने अपनी सफलता का श्रेय मां और पिता को दिया है। उनका कहना है कि व्यस्त जीवन के बाद भी पिता के साथ मां ने अच्छी शिक्षा दिलाकर पैरों पर खड़ा किया है।