एक हजार रुपए जुर्माना नए मोटर व्हीकल एक्ट में 4 साल की उम्र के बच्चों के हेलमेट नहीं पहनने पर एक हजार रुपए जुर्माना और अभिभावकों के लाइसेंस निलंबित करने का प्रावधान रखा है। लेकिन अभी इसकी अनिवार्यता लागू नहीं की गई है। अभी तो बाइक पर बैठी 2 सवारियों की लिए भी हेलमेट की अनिवार्यता की पालना नहीं हो रही है। यहां कस्बे में तो पीछे बैठने वाले सवारी तो दूर दुपहिया वाहन चालक भी हैलमेट का उपयोग नहीं कर रहे है।
हैलमेट की बढ़ी बिक्री नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि बढ़ाने व तीन माह के लिए लाइसेंस निलम्बित करने के प्रावधानों के बाद हैलमेट की बिक्री बढी है। मोटर पार्टस विक्रेता नंदू बजाज ने बताया कि नए मोटर व्हीकल एक्ट के बाद हेलमेट की बिक्री में 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हुई है। व्यापारियों का कहना है लॉकडाउन लगने के बाद से हेलमेट व्यवसाय में बढोतरी हुई है लेकिन बच्चों के हेलमेट की डिमांड नहीं होने के कारण अभी बाजार में छोटे हेलमेट नहीं आए है।
पुलिस करेगी जागरूक नई मोटर व्हीकल एक्ट के अनुसार पुलिस ने अभी कार्रवाई शुरू नहीं की है। बाजार में बच्चों के हेलमेट नहीं होने के कारण भी पुलिस ने अभी इस प्रावधान के तहत कार्रवाई शुरू नहीं करने की बात कही है। अभिभावकों को बच्चों के हेलमेट खरीदने के लिए जागरूक किया जाएगा। नए मोटर व्हीकल एक्ट में बच्चों के हेलमेट की अनिवार्यता पर अभिभावक भी सवाल खड़े कर रहे हैं उनका कहना है कि सरकार ने नियम लागू कर तो कर दिया लेकिन बाजार में बच्चों की सुविधाओं को देखते हुए हेलमेट उपलब्ध होने चाहिए। (नि.सं.)
इनका कहना है
नए मोटर व्हीकल एक्ट में हैलमेट नहीं लगाने पर जुर्माना राशि बढ़ाने व तीन माह के लिए लाइसेंस निलम्बित करने के प्रावधानों के बाद लोगों ने हैलमेट लगाना शुरू कर दिया है। पुलिस की ओर से भी लोगों को हैलमेट लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बच्चों के हैलमेट नहीं लगाने पर जुर्माने के प्रावधानों पर उच्च अधिकारी जो निर्णय करेगे उस अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
नए मोटर व्हीकल एक्ट में हैलमेट नहीं लगाने पर जुर्माना राशि बढ़ाने व तीन माह के लिए लाइसेंस निलम्बित करने के प्रावधानों के बाद लोगों ने हैलमेट लगाना शुरू कर दिया है। पुलिस की ओर से भी लोगों को हैलमेट लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। बच्चों के हैलमेट नहीं लगाने पर जुर्माने के प्रावधानों पर उच्च अधिकारी जो निर्णय करेगे उस अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
दिनेश यादव, उप अधीक्षक, कोटपूतली