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आस्था में अव्यवस्थाओं ने डाली खलल

locationबस्सीPublished: Oct 08, 2018 11:34:20 pm

खिन्न हो उठे श्रद्धालु
 
 

Nainath Dham Mela

आस्था में अव्यवस्थाओं ने डाली खलल

बांसखोह . क्षेत्र के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल नईनाथ धाम में सोमवार को आयोजित हुए चतुर्दशी मेले में व्यवस्थाओं की पोल खुलती नजर आई। मेले में हजारों श्रद्धालुओं ने भोले के दरबार में ढोक लगाई, लेकिन मंदिर परिसर एवं आसपास साफ-सफाई नहीं होने से श्रद्धालुओं को परेशानियों से भी दो-चार होना पड़ा। उल्लेखनीय है कि इलाके के सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पर हर साल 20 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन को आते हैं।
रैलिंग नहीं होने से परेशानी

यहां दर्शनार्थियों के लिए अलग-अलग रैलिंग नहीं बनी हुई है और जलाभिषेक के पानी की निकासी की सही व्यवस्था नहीं है। जिससे कीचड़ फैलता है। वहीं कई श्रद्धालु मंदिर परिसर में ही अनाज डाल देते हैं जिससे परेशानी का सामना करना पड़ता है। सोमवार को मेले के दौरान भांडारेज की एक महिला का मंगलसूत्र चोरी हो गया। वहीं, बद्रीनारायण मीना बांसखोह का मोबाइल चोरी हो गया।
पार्किंग व्यवस्था बदहाल


इस बार चतुर्दशी पर सोमवार होने से मेले में श्रद्धालुओं की काफी तादाद रही। सोमवार को मेले के दौरान नईनाथ धाम पर पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। बेतरबीन खड़े वाहनों से बार-बार जाम लगने से श्रद्धालुओं को परेशानी से दो चार होना पड़ा। नईनाथ सेवा ट्रस्ट प्रशासन की ओर से मंदिर में सुलभ दर्शन कराने की माकूल व्यवस्था नहींं कराने से श्रद्धालुओं को धक्का मुक्की के बीच दर्शन करने पड़े। श्रद्धालुओं ने बताया कि जिस दिन यहां ज्यादा भीड़ रहती है उस दिन ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ता है।
प्रस्तावों पर हो अमल

नईनाथ सेवा ट्रस्ट प्रशासन ने प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को बैठक आयोजित करने का निर्णय कर रखा है, लेकिन इन बैठकों में भी 21 में से मुश्किल से 5-7 सदस्य ही पहुंच पाते हैं। इससे विकास के प्रस्ताव कागजों में ही सिमट कर रह जाते हैं। मंदिर में सुलभ दर्शनों के लिए रेलिंग लगाने, धूणे को बालाजी मंदिर की ओर के रास्ते में शुरू कराने, मंदिर परिसर में क्षतिग्रस्त छत को दुरुस्त कराने, आवारा जानवरों को मंदिर परिसर में घुसने से रोकने, गुर्जर धर्मशाला के पास पार्किंग व्यवस्था को चालू कराने आदि कई प्रस्तावों पर अभी तक कोई क्रियान्विति नहीं हुई है। ऐसे में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। इधर, नईनाथ सेवा ट्रस्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामनारायण मीना ने कहा कि अब प्रत्येक माह के रविवार की जगह प्रत्येक माह के मासिक चतुर्दशी मेले पर ट्रस्ट की बैठक आयोजित करने का प्रस्ताव लिया जाएगा। इससे स्वयं ट्रस्टी भी श्रद्धालुओं एवं मंदिर परिसर की समस्याओं से रुबरु हो सकेंगे।
हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा

नईनाथ धाम शिवलिंग पर प्रतिदिन हजारों लीटर पानी चढ़ता है, नईनाथ धाम वन क्षेत्र के बीच है। इस जल को स्टोरेज कराकर पेड़ों में डलवाया जा सकता है। इससे साफ-सफाई भी रहेगी। श्रद्धालु हनुमान सहाय बौंटोल्या, बसंतीलाल सैनी ने बताया कि एक वर्ष में नईनाथ धाम पर लगभग 20 लाख श्रद्धालु आते हैं। वही सहस्त्रघट में भी लाखों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। इसे बचाने के लिए ट्रस्ट, सामाजिक संस्थाओं और ग्राम पंचायत प्रशासन को आगे आना चाहिए।

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