पानी-बिजली दुरुस्त, सड़क पेचवर्क में लीपापोती
बस्सीPublished: Mar 01, 2019 11:44:48 pm
नईनाथ धाम मेले की व्यवस्था, मंदिर परिसर में 97 सीसीटीवी सहित सादा कपड़ों में सुरक्षागार्ड रखेंगे निगरानी।
Road to the road of neglect
बस्सी (जयपुर). सार्वजनिक निर्माण विभाग बस्सी फिर लापरवाही बरत रहा है। वो भी लाखों श्रद्धालुओं की सड़क मार्ग संबंधी सुविधा को लेकर। मामला बांसखोह स्थित श्री नईधाम के मुख्य मार्ग का है। क्षेत्र के इस प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पर 24 घंटे बाद महाशिवरात्रि का दो दिवसीय सालाना लक्खी मेला भरने वाला है। इसमें पहले ही दिन से लाखों श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाएगा, लेकिन पीडब्ल्यूडी मंदिर परिसर की ओर आने वाले सभी मुख्य मार्गों पर कोई काम नहीं कर रहा। व्यवस्था के नाम पर बांसखोह से गणेश मोड़ होते हुए नईनाथ आने वाले 6 किमी के मार्ग पर जरूरी लीपापोती कर रहा है। यहां पेंचवर्क कर गड्ढ़ों को भर रहा है, जबकि इसे मार्ग को दोबारा बनाने की जरूरत है। वहीं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और विद्युत निगम ने अपनी-अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
एसडीएम के निर्देश भी ‘हवा’
मेले में सभी व्यवस्थाओं को समय पर पूरा करने के लिए 25-25 फरवरी को उपखंड अधिकारी ने संबंधित विभागों के अधिकारियों को पत्र द्वारा निर्देशित किया था। इसमें सार्वजनिक निर्माण विभाग बस्सी के सहायक अभियंता को बांसखोह फाटक से भृतहरि वाया नईनाथ धाम की क्षतिग्रस्त सड़कों और संबंधित मार्गों की तत्काल मरम्मत/पेचवर्क के लिए कहा था। लेकिन यहां मात्र एक मार्ग पर ही पेंचवर्क किया जा रहा है। अन्य मार्गों को उनके हाल पर छोड़ दिया है।
कहां से किस रास्ते आते हैं श्रद्धालु
नईधाम के लिए बस्सी के सभी अंचलों के अलावा जयपुर, दौसा, भरतपुर, आगरा, टोंक, करौली, दिल्ली सहित कई जिलों और राज्यों से महिला-पुरुष श्रद्धालु आते हैं। आगरा, भरतपुर वाले भटेरी-पाटन मार्ग से होते हुए नईनाथ पहुंचते हैं। सवाईमाधोपुर, टोंक, करौली, दौसा, लालसोट वाले भूडला-गणेश मोड़ होते हुए नईनाथ आते हैं। वहीं दिल्ली, जयपुर की ओर वाले श्रद्धालु बांसखोह रेलवे फाटक से बांसखोह होते हुए नईनाथ के द्वार दस्तक देते हैं। ऐसे में इन सभी ‘लिंग रोड’ की हालत खस्ता है।
सड़कें स्वीकृत, कार्य अधूरा
मंदिर से जुड़े विभिन्न मार्गों के पुनर्निमाण के लिए विभागीय स्वीकृति काफी पहले जारी हो चुकी है, लेकिन कार्य नहीं हुआ। नईनाथ धाम की ओर जाने वाली ये सड़क वर्तमान में पूरी तरह ही क्षतिग्रस्त हो गई। इस पर लगभग 12 वर्ष पहले डामरीकरण हुआ था। बांसखोह फाटक से गणेश मोड़ तक की सड़क भी बननी है। यहां पर डामरीकरण के लिए 12 महीने पहले 120 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी है। ऐसा ही कुछ भटेरी से पाटन मोड़ एवं भूड़ला से नईनाथ धाम जाने वाले सड़क मार्ग का मामला है।
चारों द्वारों सहित दर्शन गेट पर ज्यादा फोकस
मंदिर ट्रस्ट के अनुसार मंदिर में 97 सीसीटीवी चालू हैं। इन्हें एक बार और जांच लिया गया है। इनके जरिए मेले की व्यवस्था पर नजर रखी जाएगी। इनमें से आठ सीसीटीवी तो मंदिर के चारों द्वार पर लगे हुए हैं। इनमें पूर्वी, दक्षिणी सहित सभी द्वारों पर दो-दो कैमरे हैं। मंदिर के मुख्य पूर्वी द्वार पर मंदिर की ओर देखते हुए कैमरे लगाए गए हैं। दर्शनद्वार पर भी 8 से 10 कैमरे हैं। मंदिर परिसर पर निगाह रखने के लिए आसपास के खंबों, पिलर और भवनों पर अधिक कैमरे हैं। यहां पुलिस के अलावा 15 से 20 निजी सुरक्षागार्ड भी तैनात रहेंगे।