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Navaratri : ये बन रहे विशिष्ट योग, करे इस समय घट स्थापना

locationबस्सीPublished: Oct 14, 2020 09:33:03 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

17 अक्टूबर से शुरू होंगे शारदीय नवरात्रआगमन पर अम्बे मातारानी का वाहन अश्व होगाजाते समय वाहन हाथी होगासंवत्सर में वर्षा प्रचुर, जनता भी होगी सुरक्षित, बन रहे राजयोग, द्वि पुष्कर योग, सिद्धि योग, सर्वार्थ व अमृत योग

Navaratri : ये बन रहे विशिष्ट योग, करे इस समय घट स्थापना

Navaratri : ये बन रहे विशिष्ट योग, करे इस समय घट स्थापना

प्रागपुरा। यह नवरात्र विशिष्ट संयोग के साथ आ रही है। नवरात्र की 17 अक्टूबर शनिवार को घटस्थापना होगी। इस बार नवरात्रों में विशेष राजयोग, द्वि पुष्कर योग, सिद्धि योग, सर्वार्थ योग, अमृत योग जैसे योग बनकर नवरात्र शनिवार से आरंभ होंगे। भागवत पुराण के अनुसार आगमन पर अम्बे मातारानी का वाहन अश्व होगा एवं जाते समय वाहन हाथी होगा।
कस्बा पावटा निवासी भागवताचार्य आचार्य पण्डित सुरेशचन्द्र शास्त्री ज्योतिषी ने बताया कि समयानुसार पड़ौसी देशों से कटुता, युद्ध छत्र भंग, आंधी, तूफान की शंका से नकारा नहीं जा सकता है। कई राज्यों में सत्ता का हस्तानान्तरण होगा। अत: यह होने वाली कई घटनाओं की और इशारा है। विजयादशमी रविवार को है, इस कारण आने वाले संवत्सर में वर्षा प्रचुर होगी एवं जनता भी सुरक्षित होगी। नवरात्र शक्ति माँ की उपासना का समय होता है। एक वर्ष में चार बार नवरात्र आते है। दो नवरात्र प्रकट अहि दो नवरात्र गुप्त है। चारों का ही विशेष महत्व है। चैत्र, अश्विन में प्रकट एवं आषाढ़ व माघ में गुप्त नवरात्र आते है।
घट स्थापना का मुहूर्त
नवरात्र में घट स्थापना का समय चित्रा की 2 चरण निकलने पर घर स्थापना श्रेष्ठ होती है। पंडित सुरेशचन्द्र शास्त्री ने बताया की चित्रा 11.52 तक है। अत: 2 चरण समाप्ति के बाद तुला लग्न में 6.32 से 8.50 तक सुबह के समय नवरात्र घर स्थापना श्रेष्ठ है। इसके अलावा अभिजित मुहूर्त 11.49 से 12.35 तक रहेगा। शास्त्री ने बताया की शुभ का चौघडिया प्रात: 7-56 से 9.22तक श्रेष्ठ है चर अमृत लाभ का चौघडिय़ा दोपहर 12-12 से सांय 4.28 तक रहेगा।
मध्य दिन से रात्रि तक महागौरी पूजन
नवरात्रों में प्रथम दिन शैलपुत्री, द्वितीय दिन ब्रह्मचारिणी, तृतीय दिन चंडघंटेति, चतुर्थ दिन कुष्मांड देवी, पंचम दिन स्कन्द माता का पूजन होता है , छटे दिन कात्यायनी का पूजन, सप्तप दिन कालरात्रि का पूजन, अष्टम को मध्य दिन से रात्रि तक महागौरी का पूजन करे। पडित सुरेश चन्द्र शास्त्री ने बताया की विसर्जन दिवस में नवम दिन सिद्धि दात्री का पूजन कर सिद्धि प्राप्त करे व विजय दशमी मुहूर्त 2.18 से 3.34 तक श्रेष्ठ है। इसमें शस्त्र पूजन किया जाता है जो क्षत्रिय लोग करते है।
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