जानकारी के अनुसार सुबह 8 बजे अस्पताल खुलने के बाद मरीजों ने पर्ची कटवाने के बाद चिकित्सक से दवा लिखवा ली। दवा वितरण केन्द्र पर पहुंचे तो खिड़की बंद मिली। 10 बजे तक भी दवा वितरण नहीं होने पर आक्रोश जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया। मामले की जानकारी मिलने पर पूर्व भाजपा मण्डल अध्यक्ष व कोटखावदा ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्ष महावीर जैन मौके पर पहुंचे और चिकित्साधिकारी प्रभारी डॉ.रविन्द्र नारोलिया से मामले की जानकारी ली, तो उन्होंने बताया कि 2 जुलाई को फार्मासिस्ट भोलाराम जाट का स्थानान्तरण अन्य पीएचसी पर हो जाने के कारण पिछले 20 दिन से फार्मासिस्ट का पद रिक्त होने से परेशानी हो रही है। चिकित्सक द्वारा वैकिल्पक व्यवस्था कराने पर लगभग 11 बजे बाद वितरण केन्द्र खुलने पर दवा मिली।
20 दिन में लगे चार फार्मासिस्ट यहां पीएचसी में कार्य व्यवस्था के लिए पीएचसी कोथून, महादेवपुरा, देहलाला के फार्मासिस्टों को कोटखावदा पीएचसी पर दवा वितरण के लिए लगाया गया था। इसके बाद कादेड़ा के फार्मासिस्ट ओमप्रकाश शर्मा को कार्य व्यवस्था के लिए लगाया, लेकिन विभागीय कार्य से चले जाने के कारण दवा वितरण व्यवस्था फिर गड़बड़ा गई। इससे पहले भी ऐसी परेशानी देखी गई है।
स्टाफ की कमी कोटखावदा चिकित्साधिकारी डॉ. नारोलिया ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 150-200 तक ओपीडी रहने के साथ इमरजेंसी केस भी आते हैं। आईपीडी भी प्रतिदिन लगभग 40-50 होने से दो कम्पाउण्डर अन्तरोगिय विभाग की व्यवस्थाएं संभालने में असक्षम है। इससे मरीजों को परेशानी हो रही है। कार्मिकों की संख्या बढ़ाने के साथ एक फार्मासिस्ट स्थाईरूप से लगाने पर राहत मिल सकती है।