scriptन भुगतान हुआ न टोकन देने के बाद खरीदी की, किसान आक्रोशित | Neither paid nor bought after giving token, farmers outraged | Patrika News

न भुगतान हुआ न टोकन देने के बाद खरीदी की, किसान आक्रोशित

locationबस्सीPublished: Aug 04, 2020 09:50:59 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

सांसद ने केंद्रीय कृषि कल्याण मंत्री को लिखा पत्र कहा बकाया चना खरीद एवं भुगतान शीघ्र हो, निर्धारित तिथि से पूर्व बंद कर दी खरीदी

न भुगतान हुआ न टोकन देने के बाद खरीदी की, किसान आक्रोशित

न भुगतान हुआ न टोकन देने के बाद खरीदी की, किसान आक्रोशित

दूदू। प्रदेश में चने की समर्थन मूल्य पर खरीद कार्य रोक दिए जाने एवं किसानों को जारी ऑनलाइन टोकन के माध्यम से खरीद नहीं होने से हो रहे अंसतोष व्याप्त हो गया है। किसानों की माने तो राजस्थान प्रदेश में रवि फसल वर्ष 2020-2021 में मूल्य समर्थित योजनान्तर्गत किसानों से चना खरीद हेतु ऑनलाइन रजिस्टे्रशन कर दिए, लेकिन प्रदेश में निर्धारित तिथि से पूर्व ही 30 जून 2020 को राजफैड द्वारा जारी टोकन के अंतर्गत किसानों से चना खरीद का कार्य विभागीय रोक के चलते पूर्ण नहीं हो पाया था, जिससे प्रदेश के टोकनधारी एवं तुलाई से वंचित किसानों में रोष उत्पन्न हो रहा है।
इस संबंध में आए दिन दूरभाष पर किसानों के निवेदन करने पर अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने केन्द्रीय कृषि एवं कृषि कल्याण मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर को पत्र लिखा। जिसमें बताया कि प्रदेश की राज्य सरकार किसानों को केन्द्र सरकार से सक्षम स्वीकृति के अभाव में खरीद रोक दिए जाने एवं उस रोक को पुन: चालू कराने हेतु पत्राचार किए जाने का उल्लेख कर पीछा छुड़ा रही है।
स्वीकृति से कम खरीदी
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान की मार्गदर्शिकता के अनुसार राज्य के कुल उत्पादन में से 25 प्रतिशत से अधिक खरीद पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। संबंधित राज्य सरकार द्वारा मात्रा का निर्धारण तय करके केन्द्र सरकार को भिजवाया दिया जाता है। राजस्थान में चने का कुल उत्पादन 2685385 टन हुआ और राज्य सरकार ने इस उत्पादन का 25 प्रतिशत अर्थात 671345.25 टन का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा। मंत्रालय द्वारा मात्र 615350 टन की स्वीकृति जारी की गई जो कि 25 प्रतिशत के बजाय 22.93 प्रतिशत होती है। अर्थात 2.08 चने की तुलाई कम करवाई गई है और वहीं दुसरी ओर तुलाई का समय 90 दिन का होता है, जबकि प्रदेश में कांटो पर तुलाई 60 दिन पश्चात बंद कर दी गई। जिसके चलते 55 हजार 250 टन चने की तुलाई अभी शेष है।
बकाया किसानों की उपज खरीदी जाए
अत: केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार लिपिकीय त्रुटी/भूलवश जो 2.07 प्रतिशत अर्थात 55 हजार 250 टन चना उत्पादन की तुलाई जो कम हुई है, उसे स्वीकृति प्रदान कर तुलाए जाने एवं तुलाई का समय अवधि बढ़ाकर जारी टोकनधारी किसानों को राहत प्रदान कराए। इसके साथ ही प्रदेश के रवि फसल के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर खरीदी गई उपजों का बकाया भुगतान किसानों को अविलम्ब दिलाने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कराएंं।

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