वजन में करते हैं गड़बड़ी अवैध खनन और ओवरलोड की समस्या के निदान के लिए खनन विभाग ने एक जनवरी से ई-रवन्ना को परिवहन विभाग की वेबसाइट से जोड़कर खान व परिवहन विभाग के सॉफ्टवेयर आपस में लिंक कराए थे। इस बदलाव से खान व ट्रक मालिकों के वाहन में क्षमता से ज्यादा खनन सामग्री भरते ही परिवहन विभाग को अपनी वेबसाइट पर ओवरलोडिंग की जानकारी मिलने पर परिवहन विभाग की आेर से ऑनलाइन ओवरलोड चालान किए गए। इससे अवैध खनन व ओवरलोड पर अंकुश लगा है, लेकिन खान माफियाओं ने इसका भी तोड़ निकाल निकाल लिया है और खान विभाग की ओर से अधिकृत तौल यंत्रों पर मिलीभगत पर ट्रकों में अण्डरलोड वजन दर्शाकर कर इसी अनुसार ई रवन्ना तैयार करवा रहे हैं। इसके चलते परिवहन विभाग की वेबसाइट पर भी पकड़ में नहीं आ रहे हैं, जबकि इनमें क्षमता से अधिक माल भरा होता है। कस्बे के कई ट्रासंपोर्टस ने बताया कि दूसरे क्षेत्रों से आने वाले ट्रक मालिक इस तरह की गड़बड़ी कर रहे हैं। इससे अण्डरलोड चलने वाले वाहन मालिकों को परेशानी होती है।
इमारती पत्थर का होता है खनन यह क्षेत्र लंबे समय से अवैध खनन की समस्या से जूझ रहा है। यहां के अलावा इससे जुड़े पाटण क्षेत्र में इमारती पत्थर का अवैध खनन होता है। इस पत्थर से तैयार रोड़ी के सैकड़ों ट्रक दिल्ली व हरियाणा में भेजे जाते हैं। परिवहन व खान विभाग के सॉफ्टवेयर लिंक होने से ओवरलोड में कमी आई है। अब राजमार्ग पर पहले की तरह ओवरलोड वाहन दौड़ते नजर नहीं आ रहे हैं।वजन में गड़बड़ी करने वाले तौल यत्रों व क्षमता से अधिक माल खनन सामग्री भरने वाले ट्रकों को चिन्हित कर इनको ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा। पूर्व में दो ट्रकों में क्षमता से अधिक खनन सामग्री मिलने पर तौल यंत्रों की अनुमति रद्द करने व खान मालिकों को रवन्ना जारी नहीं करने के लिए खान निदेशालय से अनुशंसा की गई है।संजय शर्मा, सहायक खनिज अभियंता, कोटपूतली फोटो केपीसीबी कोटपूतली में राजमार्ग पर खड़ा खनन सामग्री से भरा ओवरलोड वाहन।