यह यूनिट 24 घंटे कार्य करेगी। यूनिट में 24 घंटे स्टाफ की तैनाती के बाद इसे शुरू कर दिया गया है। जिससे अब बीमार नवजात बच्चों को इलाज के लिए जयपुर रैफर नहीं करना पड़ेगा। इस यूनिट के पूर्णतया शुरू करने से नवजात के उपचार की सुविधा यहीं मिल सकेगी, वहीं, नवजात मृत्यु दर में भी कमी आएगी। हालांकि अस्पताल में मातृ शिशु विंग में नवजात बच्चों के उपचार के लिए मशीनें सहित अन्य संसाधन पहले से मौजूद थे, इसे कई साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सक की कमी व 24 घंटे के लिए स्टाफ उपलब्ध नहीं होने से यह यूनिट बंद पड़ी थी। जिससे नवजात को जयपुर रैफर करना पड़ रहा था।
अब क्षेत्रीय विधायक आलोक बेनीवाल ने अस्पताल प्रभारी डॉ. हरीश मोहन मुदगल को इस यूनिट को पूर्णतया शुरू करने के निर्देश दिए। जिस पर इसे शुरू कर दिया गया है। विधायक बेनीवाल ने कहा कि इस यूनिट के शुरू करने से बीमार नवजात को रैफर नहीं करना पड़ेगा। कई बार प्रसूता शाहपुरा में भर्ती रहती थी और नवजात जयपुर में। जिससे परिजनों को परेशानी होती थी। इस यूनिट के शुरू करने के बाद नवजात के परिजनों को राहत मिलेगी। यूनिट के शुरू करते ही दो नवजात भर्ती किए गए हैं।
इस यूनिट में ऐसे नवजात का होगा उपचार
अस्पताल प्रभारी डॉ. हरीश मोहन मुदगल ने बताया कि हर माह करीब २०० से २५० प्रसव होते हैं। जिनमें कुछ नवजात विभिन्न बीमारी से ग्रसित जन्म लेते हैं। ऐसे नवजात को रेडियेन्ट वार्मर मशीन में रखने की आवश्यकता होती है। अब इस यूनिट के २४ घंटे कार्य करने से ९ माह पूर्व जन्म लेने वाले नवजात, संक्रमण वाले शिशु, पीलिया रोग से ग्रसित शिशु, कम वजन वाले शिशु का यहीं उपचार संभव हो सकेगा। उनको जयपुर रैफर नहीं करना पड़ेगा। पहले एनबीएसयू यूनिट के अभाव में नवजात को इलाज के लिए जयपुर भेजना पड़ता था। यहां शिशु को गर्म रखने की सुविधा उपलब्ध नहीं थी। अब यह सुविधा शुरू कर दी गई है।
4 नवजात हो सकेंगे भर्ती, 24 घंटे तैनात रहेगा स्टाफ
कस्बे के अस्पताल में चार रेडियेन्ट वार्मर मशीनें उपलब्ध है। जिससे एक साथ 4 नवजात भर्ती किए जा सकेंगे। पहले से उपलब्ध मशीनों को रिपेयर कराने और स्टाफ निुयक्त करने के बाद इस यूनिट को पूरी तरह से शुरू कर दिया गया है। अस्पताल प्रभारी डॉ. मुदगल ने बताया कि यूनिट में शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. महेन्द्र कुमार मीणा व डॉ. महेन्द्र कुमार पलसानिया और मेल नर्स विनोद शर्मा सहित अन्य स्टाफ की २४ घंटे सुविधा रहेगा।
नवजात की मृत्यु दर में आएगी कमी
इस यूनिट के संचालन से नवजात शिशु मृत्यु दर में भी कमी आएगी। इस यूनिट में गंभीर बीमार नवजात को भर्ती कर मशीन में रखा जाता है। हालांकि अस्पताल में अब तक ऐसे कोई गंभीर केस सामने नहीं आए, लेकिन इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि नवजात के रैफर करने से परिजनों को होने वाली समस्या से निजात मिलेगी। यहीं उपचार सुविधा मिल सकेगी।
राजकीय अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई विंग में न्यू बोर्न स्टेबिलाइजेशन यूनिट शुरू कर दी की गई है। पहले ट्रेंड स्टाफ की कमी से यूनिट पूर्णतया शुरू नहीं हो पा रही थी। अब इसे समय के साथ तकनीकी रूप से और बेहतर बनाया जाएगा। इस यूनिट के शुरू करने से नवजात के उपचार की पूर्ण सुविधा यहीं मिल सकेगी और नवजात मृत्युदर को शून्य पर लाया जा सकेगा। —–डॉ. हरीश मोहन मुदगल, प्रभारी राजकीय अस्पताल, शाहपुरा