कीटनाशक छिड़काव करना भी, इसके प्रकोप पर बेअसर साबित हो रहा है, क्योंकि बाजरे की फसल की लावणी शुरू हो गई है। इससे किसान काफी परेशान हैं और फसल खराब होने से नुकसान से चिंता बढ़ रही है। कई स्थानों पर एक पौधे पर अनेक कीट लगे हुए, जिन्होंने बाजरे को सिरे को खोखला कर दिया।
राजस्थान किसान कांग्रेस पूर्व प्रदेशउपाध्यक्ष रोशन धनकड व भाजपा किसान मोर्चा मंडल महामंत्री मुखराम धनकड ने बताया की बाजरे के सिरे में लगे किड़े धीरे-धीरे बाजरे को अंदर से खोखला कर दिया है। इससे पूर्व टिड्ढियों का हमला के बाद पौधे ग्रोथ नहीं हो पाई थी। बाजरे के खेत में पौधों में सिट्टे का विकास इतना नहीं हो पा रहा था। अब सिट्टे से ही बाजरा निकलता है, लेकिन अगर सिट्टा में ही किड़ा लग गया तो बाजरे का उत्पादन अच्छा नहीं हो पाएगा, जिससे किसानों को चिंता सता रही है।
किसान नेता कैलाश ताखर, जाट महासभा पावटा अध्यक्ष महेश लबूरा ने बताया की इस बार बारिश लेट होने से बुआई में देरी, मौसम में बार-बार परिवर्तन के कारण किसानों की खेतों में पककर खड़ी फसल के सिरे में किड़े लग गए।
सहायक कृषि अधिकारी पावटा ओमभारती ने बताया की बाजरे के सिरे में लगे किड़े से करीब 5 से 10 प्रतिशत का नुकसान है। इसका कारण पहले तो इस बार टिड्ढी दल का लगातार हमला हुआ। इसके पश्चात बारिश समय पर नहीं होने से बुआई लेट हुई। बीज की खराबी व मौसम का बार-बार परिवर्तन होने की वजह से बाजरे के सिरे में किड़े लगे है। इसके बचाव के लिए किसानों को क्लोरो 50 प्रतिशत स्प्रे करना होगा।