पहले 50 हजार की घोषणा
सरपंच बाडीवाल ने चुनाव जीतने के बाद पंचायत का कार्यभार सम्भालते ही ग्रामीणों की सुरक्षा की बात कहते हुए अपने निजी खर्चे से बंदरों को पकड़वाने के लिए पचास हजार की घोषणा की थी। इसके बाद
सरपंच बाडीवाल ने चुनाव जीतने के बाद पंचायत का कार्यभार सम्भालते ही ग्रामीणों की सुरक्षा की बात कहते हुए अपने निजी खर्चे से बंदरों को पकड़वाने के लिए पचास हजार की घोषणा की थी। इसके बाद
अब ये दूसरा प्रयास किया गया है
बंदरों से ग्रामीण इस कदर परेशान और डरे हुए है कि अपने घर-दुकानों की छतों पर डंडा-लाठी रखने लगे हैं। बंदरों का झुंड आने पर लाठियां दिखाकर उन्हें अपना बचाव करना पड़ रहा है।
बंदरों से ग्रामीण इस कदर परेशान और डरे हुए है कि अपने घर-दुकानों की छतों पर डंडा-लाठी रखने लगे हैं। बंदरों का झुंड आने पर लाठियां दिखाकर उन्हें अपना बचाव करना पड़ रहा है।
छत पर डंडा व लाठियां रखने लगे ग्रामीण
वहीं, क्षेत्र में लोगों ने बंदरों के हमलों से बचने के लिए कई ग्रामीणों ने तो अपने मकानों की बालकोनियों पर लोहे का जाल तक लगवा लिया है। ग्रामीणों का कहना है लोहे का जाल लगवाना जैसे मजबूरी बन गया है।
वहीं, क्षेत्र में लोगों ने बंदरों के हमलों से बचने के लिए कई ग्रामीणों ने तो अपने मकानों की बालकोनियों पर लोहे का जाल तक लगवा लिया है। ग्रामीणों का कहना है लोहे का जाल लगवाना जैसे मजबूरी बन गया है।