मामला विराटनगर थाना क्षेत्र के ग्राम तेवड़ी का है। यहां परिजनों को अपनी नाबालिगबेटी के साथ छेड़छाड़ करने से रोकना उस समय भारी पड़ गया जब दंबगों ने रात के समय घर में घुसकर पीडि़ता एवं माता पिता के साथ मारपीट कर दी। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने मां -बेटी के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास भी किया।
इसके बाद एक और शर्मनाक बात यह रही कि पीडि़त थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचा तो कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने पीडि़त को टरका दिया। इसके बाद पीडि़त जयपुर ग्रामीण एसपी के कार्यालय गया। जहां पीडि़त को एक महिला पुलिस कर्मी मिली। जिसने स्थानिय पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करने की बात करने की कहकर भेज दिया। पीडि़त का आरोप है कि वापस जब थाने पर आया तो पुलिस ने फिर टरका दिया। दंबगों के डर से पीडि़त परिवार खौफ के चलते चार दिन से गांव में नही जा रहा है।
क्या कहना है जिम्मेदारों का
—-
पीडित थाने पर आया था। जिसका चिकित्सालय में मेडिकल करवाया गया था। जहां चिकित्सकों ने इलाज के लिए अन्यत्र रैफर कर दिया था। जिस पर पीडित इलाज करवाकर आने के बाद रिपोर्ट दर्ज करवाने की बात कहकर गया था। इसके बाद पीडित एसपी कार्यालय भी गया, लेकिन पुलिस थाने पर दुबारा रिपोर्ट दर्ज करवाने नहीं आया। आरोप निराधार है। —-सुरेश कुमार थाना प्रभारी पुलिस थाना, विराटनगर