देशभर में बलात्कार व छेड़छाड़ की घटनाएं बढ़ती जा रही है। हाल ही हैदराबाद व टोंक की घटना ने तो लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए। इधर, जिसपुर जिले के विराटनगर थाना इलाके में कुछ लोगों ने पहले तो एक नाबालिग बालिका से छेड़छाड़ की और जब बालिका के परिजनों ने विरोध किया तो घर में घुसकर मारपीट कर डाली।
मामला विराटनगर थाना क्षेत्र के ग्राम तेवड़ी का है। यहां परिजनों को अपनी नाबालिगबेटी के साथ छेड़छाड़ करने से रोकना उस समय भारी पड़ गया जब दंबगों ने रात के समय घर में घुसकर पीडि़ता एवं माता पिता के साथ मारपीट कर दी। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने मां -बेटी के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास भी किया।
इसके बाद एक और शर्मनाक बात यह रही कि पीडि़त थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचा तो कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने पीडि़त को टरका दिया। इसके बाद पीडि़त जयपुर ग्रामीण एसपी के कार्यालय गया। जहां पीडि़त को एक महिला पुलिस कर्मी मिली। जिसने स्थानिय पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करने की बात करने की कहकर भेज दिया। पीडि़त का आरोप है कि वापस जब थाने पर आया तो पुलिस ने फिर टरका दिया। दंबगों के डर से पीडि़त परिवार खौफ के चलते चार दिन से गांव में नही जा रहा है।
पीडि़त तेवड़ी निवासी ने बताया कि 2 दिसंबर को वह काम पर गया हुआ था। उसी दिन दोपहर लगभग 12 बजे उसकी नाबालिग बेटी घर से आटा पिसवाने चक् की पर जा रही थी। तभी घर से थोडी दूर ही तेवड़ी निवासी कालूराम मीणा ने नाबालिगको अकेला देख कर पकड़ लिया एवं छेड़छाड़ करने लगा। जब किशोरी जोर से चिल्लाई तो उसकी मां दौड़कर आई। तब आरोपी भाग गया।
इसके बाद परिजनों ने आरोपी को फोन कर बेटी से छेड़छाड़ करने का उलाहना दिया तो रात्रि लगभग 10 बजे आरोपी अपने तीन चार दोस्तों के साथ हथियारों से लैस होकर पीडि़ता के घर आया और परिजनों के साथ मारपीट कर दी। साथ ही पीडि़ता व उसकी मां के कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद पीडि़त परिवार 3 दिसंबर को विराट नगर पुलिस थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने गया । जहां से उसे आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कहकर पुलिस ने टरका दिया। इसके बाद पीडि़त मामले को लेकर 4 दिसम्बर को जयपुर ग्रामीण एसपी के कार्यालय पहुंचा लेकिन वहां भी पीडि़त को न्याय नहीं मिला। पीडि़त परिवार का आरोप है कि आरोपी उसे रोज धमकी देते हैं जिनके डर से वह अपने परिवार सहित चार दिन से घर नहीं जा पा रहा।
क्या कहना है जिम्मेदारों का
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पीडित थाने पर आया था। जिसका चिकित्सालय में मेडिकल करवाया गया था। जहां चिकित्सकों ने इलाज के लिए अन्यत्र रैफर कर दिया था। जिस पर पीडित इलाज करवाकर आने के बाद रिपोर्ट दर्ज करवाने की बात कहकर गया था। इसके बाद पीडित एसपी कार्यालय भी गया, लेकिन पुलिस थाने पर दुबारा रिपोर्ट दर्ज करवाने नहीं आया। आरोप निराधार है। —-सुरेश कुमार थाना प्रभारी पुलिस थाना, विराटनगर