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25 साल इंतजार के बाद आई ओबीसी की सीट, फिर फेरबदल होने से दावेदारों के सपनों पर फिरा पानी

locationबस्सीPublished: Feb 06, 2020 05:33:51 pm

Submitted by:

Satya

शाहपुरा में 35 साल में 20 साल सामान्य के प्रधानों का कब्जा

25 साल इंतजार के बाद आई ओबीसी की सीट, फिर फेरबदल होने से दावेदारों के  सपनों पर फिरा पानी

25 साल इंतजार के बाद आई ओबीसी की सीट, फिर फेरबदल होने से दावेदारों के सपनों पर फिरा पानी

शाहपुरा।

पंचायतीराज संस्थाओं के पंच-सरपंचों के तीन चरणों के चुनावों के बाद अब चौथे चरण के पंच-सरपंचों और पंचायत समिति सदस्यों व प्रधानों के चुनावों की फिर से आरक्षण लॉटरी निकलते ही जिला ग्रामीण क्षेत्र में चुनावी सरगर्मियां बढ़ गई है।
प्रधान पद की फिर से निकाली गई लॉटरी में शाहपुरा पंचायत समिति में फेरबदल होने से चुनाव लडऩे की तैयारी में बैठे ओबीसी वर्ग के लोगों के सपनों पर पानी फिरने से मायूसी छा गई।
शाहपुरा में प्रधान पद के लिए 25 साल से ओबीसी वर्ग का आरक्षण निर्धारित नहीं हुआ है। आरक्षण लॉटरी निकाले जाने की प्रकिया शुरू होने से लेकर अब तक क्षेत्र में प्रधान की मात्र एक बार 1994 में ओबीसी की सीट निर्धारित हुई थी। उस दौरान सीताराम कुमावत प्रधान बने थे।
इसके बाद लगातार सामान्य और एक बार एससी की सीट आरक्षित रही। ऐसे में 25 साल से इंतजार कर रहे ओबीसी वर्ग के नेताओं को इस बार सीट आरक्षित होने की पूरी उम्मीद थी और दिसम्बर माह में निकाली गई लॉटरी में ओबीसी वर्ग का आरक्षण भी निर्धारित हुआ था।
सीट निर्धारित होते ही प्रधान बनने की दौड़ में शामिल कई नेताओं ने तो पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लडऩे की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन अब फिर से निकाली गई लॉटरी में ओबीसी की जगह सामान्य महिला का आरक्षण निर्धारित होते ही मायूसी छा गई।
हालांकि इस बार सामान्य महिला सीट होने से सभी वर्ग की महिलाएं चुनाव लड़ सकती है। ऐसे में कुछ लोगों ने खुद के बजाय अब महिला सदस्य को चुनाव लड़ाने की तैयारी शुरू कर दी है।
चौथी बार सामान्य की सीट, तीसरी बार महिला
शाहपुरा में 1994 में आरक्षण लॉटरी शुरू होने से लेकर अब तक तीन बार सामान्य वर्ग की सीट निर्धारित हो चुकी है। जिसमें एक बार सामान्य और दो बार सामान्य महिला की सीट निर्धारित रही है। जिसमें 2005 में सामान्य महिला सीट पर मंजू सैनी और 2010 में उर्मिला शर्मा पंचायत समिति की प्रधान रह चुकी है।
अब फिर से सामान्य महिला का आरक्षण निर्धारित होने से तीसरी बार महिला के हाथ में पंचायत समिति की कमान होगी।

35 साल में 20 साल रहे सामान्य के प्रधान


पंचायत समिति क्षेत्र में वर्ष 1980-81 से लेकर 2015 तक 34 साल में कुल 4 बार सवर्ण के प्रधान रह चुके हैं। जिसमें सबसे अधिक तीन बार पूर्व विधायक हनुमान सहाय व्यास प्रधान रह चुके।
पूर्व विधायक व्यास आरक्षण लॉटरी प्रकिया शुरू होने से पहले 1981 से 1991 तक दो बार लगातार पंचायत समिति के प्रधान रहे।

इसके बाद एक बार सामान्य वर्ग की सीट निर्धारित होने पर 2000 में भी प्रधान बने। जबकि 1994-95 में ओबीसी वर्ग की सीट आने पर एक बार सीताराम कुमावत प्रधान बने और 2015 में एक बार एससी वर्ग का आरक्षण निर्धारित होने पर नंदलाल गोठवाल प्रधान बने।
इसके अलावा 2005 में सामान्य महिला की सीट होने पर ओबीसी की मंजू सैनी प्रधान चुनी गई।


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शाहपुरा पंचायत समिति में अब तक रहे प्रधान
वर्ष प्रधान
1981 हनुमान सहाय व्यास
1987 हनुमान सहाय व्यास
1992 प्रशासक
1995 सीताराम कुमावत
2000 हनुमान सहाय व्यास
2005 मंजू सैनी
2010 उर्मिला शर्मा
2015 नंदलाल गोठवाल
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