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कैसा भय : दिन—रात हाथों में लाठियों लेकर पुरुष करते रखवाली, महिलाएं घरों में कैद

locationबस्सीPublished: Sep 07, 2019 11:50:01 pm

(Panther ) बोबाड़ी के बामणवास गांव का है मामला, रेस्क्यू टीम बघेरे को पकडऩे पहुंची
 

कैसा भय : दिन—रात हाथों में लाठियों लेकर पुरुष करते रखवाली, महिलाएं घरों में कैद

कैसा भय : दिन—रात हाथों में लाठियों लेकर पुरुष करते रखवाली, महिलाएं घरों में कैद

गठवाड़ी. जमवारामगढ़ उपखण्ड की बोबाड़ी ग्राम पंचायत के बामणवास गांव पिछले 9 दिन से बघेरे (painther) की दहशत ने ग्रामीणों का जीना मुश्किल कर रखा है। ऐसे में ग्रामीण दिन-रात जागकर पशुओं की रखवाली कर रहे हैं। हालांकि ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए डीफ ओ जयपुर नरेश शर्मा ने मौके पर रेस्क्यू टीम भेजी है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि बघेरे ने उनका सुख-चैन छीन रखा है। बघेरे के भय से वे सही ढंग से खाना भी नहीं खा पा रहे हैं।
कैसा भय : दिन—रात हाथों में लाठियों लेकर पुरुष करते रखवाली, महिलाएं घरों में कैद
घर की छतों से रहते निहारते

गांव में बघेरे के आतंक से ग्रामीण सांझ ढलते ही घरों में कैद हो जाते हैं। वहीं किसानों ने तो खेतों में जाना तक बंद कर दिया है। इधर, शनिवार दोपहर बाद बाजरे के खेत में अचानक बघेरा दिखने से हडकंप मच गया। ग्रामीण मकान की छत पर जाकर इधर-उधर बाजरे के खेत में तलाश करने लगे, लेकिन बाजरा बड़ा होने से बघेरा ओझल हो गया। सूचना पर शनिवार शाम को वन विभाग की टीम रेस्क्यू के लिए मौके पर पहुंची। वार्डपंच शिवकुमार, अशोक शर्मा सहित ग्रामीणों ने बघेरे को पकडऩे की मांग की है। (निसं.)
तीन मवेशियों को बनाया शिकार

गौरतलब है कि बामणवास गांव में बघेरे ने पिछले सात दिन में मुकेश व विनोद शर्मा की गाय, बकरी व एक बछड़ी को शिकार बना डाला। ऐसे में पीडि़त परिवार के लोगों को बघेरे के हमले का डर सता रहा है। ग्रामीण दिन-रात पशुओं के पास लाठियां लेकर बैठे रहते हैं।
इनका कहना है

बघेरे को पकडऩे के लिए रेस्क्यू टीम को भिजवा दिया है। बघेरे को पकडऩे का पूरा प्रयास का रहे हैं।

नरेश शर्मा, डीएफओ, जयपुर

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