पांच दिन से लोग रात को हाथों में लाठी-डंडे लेकर चौकीदारी कर रहे है। रात को पैंथर के मूवमेंट से लोगों ने एडवोकेट कमल भातरा के नेतृत्व में वन विभाग के खिलाफ विरोध जाहिर करते हुए पकड़ने की मांग की। पैंथर 5 दिन पहले एक अस्पताल में आया था। इसके बाद जैतपुरा, हाड़ौता गांव सहित मंगल सीटी, कच्चा बंधा, कचोलिया की गोरा की ढाणी, बावरियों की ढाणी आदि में पैंथर आने सूचना मिली है। डीएफओ देवेन्द्र प्रसाद जागावत, एसीपी अशोक चौहान, रेंजर अजय बडगुर्जर, थानाप्रभारी प्रदीप शर्मा सहित जयपुर से पहुंची रेस्क्यू टीम मौजूद रही। लोगों ने प्रशासन से पैंथर को पकड़कर राहत दिलाने की मांग की है।
शहर के लुहारों का मोहल्ला नया बाजार निवासी शैफुल अगवान ने बताया कि वह रात को छत पर कमरे में पढ़ रहा था। रात करीब 12.35 बजे वह बाहर आया और बाजार की तरफ देखा तो नया बाजार में पैंथर घूमता दिखा। तभी वह चिल्लाया और परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद पैंथर नजर नहीं आया। शहर के रेनवाल रोड के पास सारणों की कॉलोनी, आनंद कॉलोनी में बाजरे के खेत में पगमार्क मिले है। वन अधिकारियों ने जयपुर से रेस्क्यू टीम, गश्ती दल और शाहपुरा से अतिरिक्त वनकर्मी बुलाए है, जो निगरानी में लगे रहे।
दिन में पैंथर 1.30 बजे सारणों की ढाणी के पास बाजरे के खेत में नजर आया। लोगों की आहट से वह बाजरे के खेतों में घुस गया। रेंजर अजय बडगुर्जर ने बताया कि 1.30 बजे बाजरे में पेड़ के नीचे नजर आया था, लेकिन लोगों की आहट से भाग गया। यहां श्वान का शिकार किया है। रावण गेट के पास भी शिकार किया बछड़ा मिला है। वन विभाग और पुलिस की टीम ने करीब 1 घंटे तक ड्रोन उड़ाकर सर्च किया, लेकिन पैंथर की एक झलक दिखने के बाद नहीं दिखा।
अशोक विहार निवासी डॉ.रमेश रावत ने सीएम को पत्र लिखकर पैंथर को पकड़वाने की मांग की है। इसके अलावा पर्यावरण मंत्री से भी गुहार लगाई है। लोगों की सुरक्षा को लेकर शहर में अतिरिक्त पुलिस बल लगाने की मांग की है।