वन्यजीव अभयारण्य की जमवारामगढ़ रेंज के रेंजर नितिन शर्मा ने बताया कि मानोता पहाड़ी की चोटी पर सोमवार को झौल वनपाल नाका के कर्मचारी केटल गार्ड पप्पू लाल जोगी वन कर्मियों के साथ जंगल गश्त कर रहा था। पहाड़ी की चोटी पर मादा पेंथर का शव मिलने की सूचना पर मौके पर पहुंच शव को रामगढ़ बांध स्थित रेंज कार्यालय शैल कुटिर पहुंचाया। यहां पशु चिकित्सालय जमवारामगढ़ के डॉ. उमा शंकर गुप्ता ने पशु चिकित्सालय रायसर के डॉ. गणेश नारायण मीना, नायला के डॉ. विकास कुमार व चांवडिया के पशु चिकित्सक का मेडिकल बोर्ड गठित किया। मेडिकल के दौरान मृत मादा पेंथर के गर्दन व पीठ पर पेंथर के दांतों के निशान मिले। ये निशान अक्सर नर पेंथर और मादा पेंथर के मेटिंग के दौरान कई बार दांतों को चुभाने से होते हैं। जिससे गहरे घाव हो जाते हैं। घाव में संक्रमण होने से पैंथर की मौत हो जाती है। जनवरी से मार्च तक का समय पेंथर में मेटिंग का माना जाता है। मेडिकल बोर्ड ने बताया कि पेंथर की मौत संभवतया मेटिंग के दौरान हुई है। मृत पेंथर का वन अधिकारियों,मेडकल बोर्ड, पुलिस व राजस्व कर्मचारियों की उपस्थिति में शवदाह किया गया।
वर्जन मेडिकल बोर्ड ने मादा पेंथर की मौत मेटिंग(सहवास) के दौरान होना माना है। मृत पेंथर का शव दो दिन पुराना था। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस व प्रशासन की उपस्थिति में शवदाह किया गया है।
नितिन शर्मा, रेंजर, रेंज जमवारामगढ़