आदेश के बाद बस्सी रीको एरिया में बंद इकाईयों में पहला दिन साफ सफाई में ही बीत गया। जिन फैक्ट्री संचालकों ने फैक्ट्री में मजदूरों को रख रखा था, उनसे साफ सफाई करवाई। मशीनों को भी चेक किया गया। इससे बाद में समस्या उत्पन्न न हो। इसके साथ ही मशीनों की मरम्मत के साथ ग्रीस, ऑयल आदि की गई। इसके बाद संचालकों ने मजदूरों को आने व जाने की व्यवस्था में जुट गए।
संचालकों ने बताया कि अब बाहरी लोगों को काम न करवाकर स्थानीय लोगों से ही काम करवाया जाएगा। बाहरी व्यक्तियों से संक्रमण फैलने का अंदेशा बना हुआ है। संक्रमित व्यक्तियों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इससे भय के माहौल में काम शुरू तो होगा। कई लोगों ने तो अभी जल्दबाजी में लिया हुआ फैसला बताया। यदि एक साथ मजदूर काम करने आएंगे तो करीब भी रहना होगा। हाथ नहीं बटाएंगे, तो काम भी नहीं होगा। इससे संक्रमण फैलने की आशंका भी है।
सरकार ने कई इकाईयां शुरू करवाने के आदेश तो दे दिए लेकिन इन्हें चलाने के लिए मजदूरों की जरूरत होगी, जो बस्सी क्षेत्र में पर्याप्त नहीं है। यहां अधिकांश मजदूर जयपुर, दौसा सहित अन्य इलाकों से है जो लॉकडाउन के चलते नहीं आ सकते। इससे इकाईयां शुरू होने पर मेंं परेशानी हो रही है। आगे भी जब तक लॉकडाउन रहेगा तब तक बनी रहेगी। इससे संचालक कशमकस में हैं। ऐसे में बिना मजदूरों के फैक्ट्री में काम चालू करना संभव नहीं है।