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29 पंचायत ओडीएफ : फिर भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर, नहीं हो रहा शौचालय का उपयोग, जाने क्या है कारण…

locationबस्सीPublished: May 26, 2018 07:20:46 pm

Submitted by:

vinod sharma

ग्राम रामपुरा खुर्द में पानी के अभाव में शोपीस बनकर रह गई शौचालयों पर रखी टंकियां

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29 पंचायत ओडीएफ : फिर भी लोग खुले में शौच जाने को मजबूर, नहीं हो रहा शौचालय का उपयोग, जाने क्या है कारण…

आंतेला (जयपुर)। खुले में शौच मुक्त करने के लिए सरकार तेजी से गांव और शहरों में शौचालय तो बना रही है, लेकिन कई इलाकों में पानी की कमी से शौचालय का उपयोग नहीं किया जा रहा है। ऐसे में सरकार की मंशा पूरी होती नजर नहीं आ रही है। विराटनगर पंचायत समिति क्षेत्र की 29 पंचायतों में से सभी 29 पंचायतों को ओडीएफ घोषित किया जा चुका है लेकिन कई गांवों में पानी की कमी के चलते बने शौचालय शो-पीस साबित हो रहे है। शौचालय में पानी की व्यवस्था नहीं होने से कई जगह लोग अभी भी खुले में शौच जाने को मजबूर है। लोगों का कहना है कि विभागीय अधिकारियों ने आनन-फानन में शौचालयों का निर्माण तो करवा दिया लेकिन पानी की कमी पूरी करने के तरफ ध्यान नहीं दिया है।
गला तर करने के लिए पानी नहीं
खुले में शौच से होने वाले संक्रमण से बचाव के लिए बनाई योजना फिलहाल दम तोड़ती दिख रही है। क्षेत्र की ग्राम पंचायत बजरंगपुरा, केरली, छीतोली, ग्राम श्योलालपुरा, नीमली, रामपुरा खुर्द सहित कई गांव-ढाणियों में शौचालय के लिए पानी जुटना तो दूर गला तर करने के लिए भी पर्याप्त पानी नहीं है। हालांकि सर्दी के मौसम में तो पानी की कम उपलब्धता के चलते काम चल रहा था लेकिन गर्मी के मौसम में लोगों को खुले में शौच जाने की मजबूरी है।
प्रति व्यक्ति औसतन 7 लीटर पानी की आवश्यकता
शौचालय के लिए एक व्यक्ति को औसतन प्रतिदिन 5-7 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। 5 सदस्य परिवार में प्रतिदिन 40 लीटर पानी तो शौचालय के उपयोग के लिए चाहिए। जबकि वर्तमान में लोगों को महज 20-30 लीटर ही पानी की आपूर्ति हो रही है। इसमें गला तर करने सहित स्नान करने व कपड़े धोने के अलावा शौचालय के उपयोग के लिए पानी नहीं बच पाता है।
ग्राम पंचायतें ओडीएफ
विराटनगर पंचायत समिति की सभी ग्राम पंचायतें 2 अक्टूबर तक ओडीएफ घोषित हो चुकी है। क्षेत्र में 20 हजार 322 शौचालय नवनिर्मित है। जबकि 14 हजार 200 पहले के बने हुए है। विभाग ने शौचालय का निर्माण तो करवाया लेकिन पानी की कमी के कारण कई जगह लोगों ने शौचालय का उपयोग करना छोड़ दिया है।
पीने के पानी का जुगाड़ भी जैसे-तैसे
ग्रामीणों का कहना है कि वे पीने के पानी को लेकर मशक्कत करते है, वे शौचालय के लिए पानी कहां से लाए। पीने के पानी का जुगाड़ भी जैसे तैसे करते है। खुले मे शौच के बजाय शौचालय का उपयोग करने में पानी की मात्रा भी ज्यादा लगती है। प्रशासन को पानी की आपूर्ति को लेकर चिंतित होना आवश्यक है।
इनका कहना है
खुले में शौच मुक्त पंचायत की कवायद में अधिकारियों के दबाव से लोगों ने शौचालय निर्माण तो करा दिए, लेकिन पानी की कमी से ओडीएफ घोषित बजरंगपुरा पंचायत में योजना का दम निकल रहा है। शौचालय के उपयोग के लिए रखी पानी की टंकियां खाली पड़ी है।
रमेश रावत, स्थानीय निवासी
बजरंगपुरा में गिरते भूमिगत जलस्तर से पानी की समस्या बढ़ी है। पंचायत क्षेत्र के 9 सिंगलफेज नलकूप नकारा हो चुके है। शेष 5 थ्री फेज नलकूप भी हांपने लगे है। लोगों को शौचालयों के उपयोग के लिए जागरूक कर पानी की उपलब्धता के प्रयास किए जा रहे है। विभागीय उच्चाधिकारियों से वार्ता कर लोगों को समस्या से निजात दिलाई जाएगी
हरिसिंह सिंधू, सरपंच ग्राम पंचायत बजरंगपुरा
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