राजस्थान हाईकोर्ट ( Rajasthan High Court ) ने राज्य सरकार से मांगा जवाब
उधर, राजस्थान हाईकोर्ट में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति को लेकर सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब पेश करने के लिए समय चाहा, जिस पर कोर्ट ने 29 मई तक की मोहलत देते हुए अगली सुनवाई पर ज़िम्मेदार आला अधिकारी को तलब किया है।
उधर, राजस्थान हाईकोर्ट में कानून व्यवस्था की बदहाल स्थिति को लेकर सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब पेश करने के लिए समय चाहा, जिस पर कोर्ट ने 29 मई तक की मोहलत देते हुए अगली सुनवाई पर ज़िम्मेदार आला अधिकारी को तलब किया है।
दुष्कर्म के बढ़ते मामलों से चिंतित हाईकोर्ट ने राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित टिप्पणी निकम्मेपन की हद पर प्रसंज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब तलब किया था। जस्टिस संगीत लोढ़ा व जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ में सुनवाई के दौरान न्यायमित्र विकास बालिया ने कोर्ट को बताया कि दुष्कर्म जैसे मामलों की जाँच करने के लिए पुलिस को प्रशिक्षित करने की ज़रूरत है।उन्होंने कर्नाटका मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में दिशा निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि पहले सरकार अपना पक्ष रखे, उसके बाद कोर्ट आवश्यक निर्देश देगा।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में लगातार महिला और बच्चियों से दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं। इसे लेकर सरकार के साथ ही हाई कोर्ट ने भी चिंता व्यक्त की है। साथ ही राजस्थान उच्च न्यायालय ने प्रदेश की सरकार से जवाब तलब भी किया है। वहीं इस मामले को विपक्ष ने भी जोरों से उठाया और सरकार को कानून व्यवस्था की ऐसी स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है।