scriptपुलिस-पब्लिक संवाद….पुलिस महिला सुरक्षा व उनके अधिकारों को लेकर गंभीर | Police-public samvad.... Police serious about women's safety and th | Patrika News

पुलिस-पब्लिक संवाद….पुलिस महिला सुरक्षा व उनके अधिकारों को लेकर गंभीर

locationबस्सीPublished: Apr 05, 2021 03:04:43 pm

Submitted by:

Satya

राजस्थान पत्रिका के पुलिस-पब्लिक संवाद अभियान के तहत शाहपुरा के राजकीय महिला कॉलेज में छात्राओं और महिलाओं के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित
#Police-PublicSamvad#
#Police-public samvad programme#
Rajasthan campaign

पुलिस-पब्लिक संवाद....पुलिस महिला सुरक्षा व उनके अधिकारों को लेकर गंभीर

पुलिस-पब्लिक संवाद….पुलिस महिला सुरक्षा व उनके अधिकारों को लेकर गंभीर


शाहपुरा। पुलिस उपाधीक्षक शाहपुरा शिप्रा राजावत ने कहा कि पुलिस, महिला सुरक्षा व उनके अधिकारों को लेकर गंभीर है। महिला उत्पीडऩ के मामलों की रोकथाम के लिए पुलिस थानों में महिला डेस्क होती है, जहां महिला पुलिसकर्मी तैनात रहती है। जहां महिलाएं व बालिकाएं किसी भी तरह के अत्याचार या अपराध की निडर होकर शिकायत कर सकती है। उन्होंने शिकायत पर पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिया।
राजस्थान पत्रिका की ओर से पुलिस पब्लिक संवाद अभियान के तहत दूसरे दिन जयपुर ग्रामीण जिले में शाहपुरा कस्बे के बाबा गंगादास राजकीय महिला महाविद्यालय में पुलिस व कॉलेज छात्राओं और महिलाओं के साथ संवाद कार्यक्रम हुआ। जिसमें छात्राओं व कॉलेज की संकाय सदस्यों ने महिलाओं और बच्चों से संबंधित अपराधों को लेकर सवाल किए। जिनका पुलिस उपाधीक्षक शिप्रा राजावत ने जवाब देते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया। इस दौरान डीएसपी राजावत ने कहा कि जागरूकता से ही अपराधों पर अंकुश लग सकता है। इसलिए आमजन अपने आस-पास संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना तुरंत पुलिस प्रशासन को दें।
डीएसपी ने महिला अधिकार व कानूनों की जानकारी देते हुए कहा कि महिलाएं व बालिकाएं निडर होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करें। आज महिला सुरक्षा के लिए कानून में कई प्रावधान है। जिसका उपयोग कर महिलाएं खुद पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठा सकती है, लेकिन महिलाएं किसी के हाथों की कठपुतली न बनें। अक्सर देखा जा रहा है कि कुछ लोग महिलाओं को आगे कर उनके नाम से महिला उत्पीडऩ के झूठे मामले दर्ज करा देते है। इसलिए महिलाओं की सुरक्षा व सशक्तिकरण के लिए बने प्रावधानों का दुरुपयोग भी न करें और किसी तरह से उत्पीडऩ होने पर निडर होकर शिकायत करें, कार्रवाई जरूर होगी।
छात्राएं आत्मनिर्भर व निर्भीक बनें
कस्बे के बाबा गंगादास राजकीय महिला महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनामिका सिंह ने छात्राओं को आत्मनिर्भर व निर्भीक बनने के लिए प्रेरित किया। प्राचार्य ने छात्राओं से कहा कि किसी भी तरह की घटना, अत्याचार या संदिग्ध व्यक्तियों से डरें नहीं, उसका निडरता से सामना करें और तत्काल अपने परिजनों व कॉलेज प्रशासन को सूचना दें। चुप रहना अपराध को बढ़ावा देना है। इस दौरान सह आचार्य डॉ रोजी शाह, सह आचार्य डॉ. रेखा मिश्रा, सह आचार्य डॉ. लतिका, सह आचार्य प्रकाश ढबास सहित कई संकाय सदस्य, छात्राएं मौजूद थी।
छात्राओं ने महिला अधिकारों व कानूनों के बारे में पूछे सवाल
इस दौरान कॉलेज छात्रा जानकी सैनी ने सवाल किया कि यदि किसी महिला के साथ कोई घटना होती है और वह घर से बाहर नहीं जा सकती, तो वह किस प्लेटफार्म पर और कैसे शिकायत करें। इस पर डीएसपी ने कहा कि वर्तमान में लगभग सभी के पास मोबाइल फोन होते हैं। ऐसी स्थिति में महिला आपातकालीन नम्बरों पर पुलिस को सूचना दे सकती है। छात्रा प्रिया सैनी ने महिलाओं से संबंधित अधिकार व कानूनों के बारे में पूछा तथा कहा कि असामाजिक तत्वों द्वारा किसी महिला का पीछा करने पर वह अपनी सुरक्षा कैसे करें।
छात्रा सौम्या ने पूछा कि कोई महिला पुलिस थाने शिकायत लेकर जाती है तो कई बार वहां महिला पुलिसकर्मी की जगह पुरुष पुलिसकर्मी मिलते हैं। ऐसे में खुलकर शिकायत नहीं कर पाती। इस पर डीएसपी ने कहा कि वर्तमान में सभी थानों में महिला डेस्क बनी हुई है। जहां महिलाएं निडर होकर अपनी शिकायत कर सकती है। इसी प्रकार अन्य छात्राओं ने कहा कि सेल्फ डिफेंस के दौरान असामाजिक तत्व की मौत हो जाए तो वह क्या वह अपराध माना जाएगा। इसी प्रकार अन्य छात्राओं ने भी महिला सुरक्षा से संबंधित कई प्रश्न पूछे।
अपराधों पर अंकुश के लिए आमजन पुलिस का सहयोग करें
डीएसपी राजावत ने कहा कि पुलिस महिला सुरक्षा व उनके अधिकारों को लेकर गंभीर है। पुलिस महिलाओं से जुड़ी शिकायतों को गंभीरता से लेकर तत्परता से कार्रवाई भी करती है। पुलिस थानों में अलग से महिला डेस्क होती है, जहां महिला पुलिसकर्मी तैनात रहती है। पुलिस विभाग की ओर से असामाजिक तत्वों को पकडऩे के लिए निर्भया स्क्वायड गठित किया गया है, जिसमे शामिल महिला पुलिसकर्मी सादा वर्दी में सार्वजनिक स्थानों पर तैनात रहती है।
आपातकालीन परिस्थितियों में हेल्पलाइन नम्बर विभाग की ओर से जारी किए हुए है। इसके अलावा पुलिस विभाग की ओर से सेल्फ डिफेंस का विशेष कोर्स करवाया जाता है, जिसके तहत प्रशिक्षित महिला पुलिसकर्मी विभिन्न स्कूल व कॉलेज में जाकर छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देती है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग नफरी व संसाधनों की कमी जैसे कई समस्याओं से जूझ रही है, फिर भी पुलिस दिन-रात आमजन की सुरक्षा के लिए तत्पर रहती है। आमजन की भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वह निर्भीक होकर अपराधों पर रोक लगाने के पुलिस का सहयोग करें।
यह मुददे प्रमुखता से आए सामने
-पुलिस थानों में पीडि़त महिलाओं की बात सुनी जाए और उनका तत्परता से समाधान हो
-महिला अत्याचारों और उनके साथ होने वाले अपराधों पर अंकुश लगे।
-महिलाओं से संबंधित अधिकार व कानूनों के बारे में छात्राओं को स्कूल व कॉलेजों में जानकारी दी जाए
-पुलिस थानों में महिला डेस्क पर महिला पुलिस अधिकारी नियुक्त हो, जिससे पीडि़ता खुलकर समस्या बता सके।
-स्कूल व कॉलेज में सप्ताह में एक बार छात्राओं को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जाए
-महिला कॉलेजों और स्कूलों के बाहर सादा वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात हो, बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
– पुलिस की जवाबदेही सुनिश्चित हो और निगरानी व्यवस्था हो।

ट्रेंडिंग वीडियो