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बिना मान्यता के बड़ी कक्षाओं का प्रचार!

locationबस्सीPublished: Aug 04, 2018 11:25:21 pm

Submitted by:

Surendra

परीक्षा के समय विद्यार्थियों की भागदौड़
 

Private schools

बिना मान्यता के बड़ी कक्षाओं का प्रचार!

बूज मानोता (रामावतार गुर्जर) . मान्यता 5वीं तक और प्रचार 8वीं कक्षा के परिणाम का। ऐसे ही मान्यता 8वीं की और बात 10वीं-12वीं बोर्ड कक्षाओं की। इतना ही नहीं बकायदा कक्षाओं के साथ टॉपर्स, फैकल्टी और परिणाम का भी प्रचार-प्रसार। कम मान्यता पर बड़ी कक्षाओं का ये फर्जी प्रचार जमवारामगढ़ कस्बा क्षेत्र के कई गांवों में देखने को मिल रहा है। यहां संचालित कई निजी विद्यालय मान्यता नहीं होने पर भी बड़ी कक्षाओं का प्रचार कर विद्यार्थियों को झांसे में फंसा रहे हैं। इस सब के बावजूद शिक्षा विभाग यहां कार्यवाही से कतरा रहा है।
दूसरे विद्यालयों से सांठ-गांठ

इस पूरे ‘खेलÓ में दूसरे मान्यता प्राप्त विद्यालय भी शामिल है। दरअसल, आसपास के मान्यता प्राप्त दूसरे विद्यालयों से सांठ-गांठ कर करके अपने यहां बड़ी कक्षाएं चलाते हैं। ऐसे में ये विद्यालय कक्षाओं का संचालन तो अपने यहां करते हैं, लेकिन प्रवेश संबंधी कागज दूसरे विद्यालयों के नाम से बनते हैं। इसमें मिलीभगत से मना नहीं किया जा सकता।
बिना मान्यता वाले इन विद्यालयों का प्रचार पिछले दो माह से देखने को मिल रहा है। बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स, पप्पलेट आदि के जरिए ये गांव-गांव व्यापक प्रचार-प्रसार करते हैं।

परीक्षा पत्र से होता है खुलासा
सत्र पूरा होने पर प्रायोगिक या लिखित परीक्षा के समय विद्यार्थियों और अभिभावकों को इसकी जानकारी हो पाती है। आठवीं, दसवीं और बारहवीं कक्षा के बोर्ड से मिलने वाले प्रवेश पत्र से खुलासा होता है। प्रवेश पत्रों में विद्यार्थी के साथ उनके विद्यालय का भी नाम लिखा होता है। ऐसे में जब विद्यार्थी देखते हैं कि हम जिस विद्यालय में कक्षाएं ले रहे थे, उसका तो प्रवेश पत्र में नाम ही नहीं है। उसके स्थान पर दूर-दराज के किसी दूसरे विद्यालय का नाम आता है तब जाकर माजरा समझ में आता है, लेकिन परीक्षा देना विद्यार्थी की मजबूरी बन जाती है।
परीक्षा देने में परेशानी

विद्यार्थियों को परीक्षा सेंटर अटैचमेंट विद्यालय के अनुसार ही मिलता है। कक्षा 10 और 12 वीं के विद्यार्थियों को परीक्षा देने के लिए 12 से 20 किलोमीटर दूर दूसरे गंावों में परीक्षा केन्द्र मिलता है। इससे विद्यार्थियों के साथ अभिभावक भी परेशान हो जाते हैं।
इन गांवों में बड़ी कक्षाओं का ‘खेलÓ

ग्राम पंचायत मुख्यालय खवारानीजी, चावण्डिया, खराना, लालवास, नागल, बाढ़, बूज, सरजोली, धुलारावजी, लालवास, थौलाई, रायपुर जयसिंहपुरा, पापड, माथासूला, सामरेड, लागडिवास, नोनपुरा, धामस्या सहित अन्य कई गांवों में निजी शिक्षण संस्थान बिना मान्यता के उच्च कक्षाएं संचालित कर रखे हैं। कई स्कूल संचालक तो पांचवीं तक की मान्यता लेकर 12वीं कक्षा तक संचालित कर रहे हैं।
राजकीय विद्यालयों में नामांकन प्रभावित

फर्जीवाड़े का सीधा असर गांव के राजकीय विद्यालयों के नामांकन पर पड़ता है। बिना मान्यता वाले निजी विद्यालयों के बड़ी कक्षाओं के फर्जी प्रचार के चलते अभिभावक भ्रमित होकर सरकारी विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिलवाते। मामले से स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को कई बार लिखित शिकायत दी जा चुकी, लेकिन विभाग के अधिकारी इनके विरुद्ध कार्रवाई करने की जहमत नहीं कर रहे हैं। ऐसे में यहां विद्यार्थियों और अभिभावकों को धोखे में रख शिक्षा का व्यावसायीकरण हो रहा है। (निंस.)
जमवारामगढ़ उपखंड में मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय

25 एक से पांचवीं तक
106 एक से आठवी तक
44 एक से दसवीं तक
49 एक से बारहवीं तक

इनका कहना है

कई निजी विद्यालयों द्वारा बड़ी कक्षाओं की मान्यता नहीं होने के बाद भी उनका प्रचार प्रसार किया जा रहा है। अभिभावक उनके लुभावने झांसों में आकर वहां अपने बच्चों का एडमिशन करा देते हैं। फिर अभिभावकों को परीक्षा के समय पता चलता है कि उनके बच्चे को इतनी दूर क्यों जाना पड़ रहा है। बिना मान्यता के उच्च कक्षाओं के संचालन के बारे में कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियो को लिखित ज्ञापन दिया, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई।
-लक्ष्मीनारायण शर्मा, अभिभावक एवं पूर्व किसान संघ तहसील अध्यक्ष, जमवारामगढ़

बिना मान्यता के उच्च कक्षाएं संचालित के निजी विद्यालयों की जांच करने के लिए मैंने सभी प्रधानाचार्य को आदेश दे रखे हैं। जिनकी अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं मिली है। सोमवार को जांच रिपोर्ट की जानकारी कर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
महेश चन्द शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक द्वितीय जयपुर

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