शिक्षाविद् आरएस झांझरिया ने बताया कि सड़क पर क्रॉसिंग व नाली निर्माण के दौरान बची हुए निर्माण सामग्री के अलावा सड़क खोदने से निकली मिट्टी व अन्य सामग्री कई दिनों तक सड़क पर फैली रहती है। इसे उठाने की कई दिनों तक व्यवस्था नहीं होती है। केबल डालने के लिए खोदे गए गड्ढे कई दिनों तक नहीं भरे जाते हैं। शिक्षक बृजनाथ याज्ञनिक ने बताया कि गढ़ कॉलोनी में जहां जरूरत नहीं हंै, वहां आवश्यकता से अधिक ब्रेकर लगे हुए हैं और जहां जरूरत है,वहां एक भी ब्रेकर नहीं है। जलापूर्ति बाधित है। नलों से दूषित पानी आ रहा है। शिकायत पर कार्रवाई नहीं होती है।
वार्ड में पानी निकासी नहीं होने से जलदाय विभाग के स्टोरेज टैंक के आसपास गंदा पानी भर रहा है। इससे दूषित जलापूर्ति होने की संभावना रहती है। टैंक के चारों तरफ खरपतवार बढ़ रही है। जलदाय कार्यालय के सामने पानी निकासी नहीं होने से गंदा पानी सड़क पर बहता रहता है। बारिश में घुटनों तक पानी भर जाता है। पूर्व पार्षद एडवोकेट शिम्भू सैनी ने कहा कि गंदे पानी की निकासी की समस्या का समाधान छोटे ट्रीटमेन्ट प्लांट से संभव है। उनका कहना था कि जहां पानी एकत्र होता है, वहां छोटे ट्रीटमेन्ट प्लांट लगा कर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
वार्ड 17 में आधा दर्जन से अधिक निजी अस्पताल हंै। वार्ड पार्षद सहित अन्य लोगों को कहना है कि इनमें एक दो को छोड़कर किसी में भी पार्किंग नहीं है। इससे बाइक सहित दूसरे वाहन बीच सड़क पर खड़े रहते हैं। सड़क पर वहान खड़े रहने से जाम की स्थिति रहती है। निजी अस्पताल संचालक खाली भूखण्डों को कचरा डालने के उपयोग में ले रहे हंै। कचरा कई दिनों तक नहीं उठाया जाता है। इससे आसपास के लोगों को परेशानी होती है। पूतली कट से पंचायत समिति तक नाले का पानी पंचायत समिति तक पहुंचकर एकत्रित हो जाता है। इसके आगे निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। पार्षद के मकान के सामने वाली गली में बिजली के तार नीचे लटक रहे हैं। कई स्थानों पर मुख्य केबल कटी हुई है। तार नीचे होने से फाल्ट की समस्या रहती है।
वार्ड पार्षद का कहना है कि पिछले साढ़े तीन साल में वार्ड में पांच नई सड़कों का निर्माण हुआ है। राजमार्ग से जलदाय विभाग कार्यालय तक सड़क स्वीकृत हो गई थी, लेकिन कुछ लोगों के विरोध के चलते निर्माण शुरू नहीं हुआ। राजमार्ग पर मुख्य सड़क के अलावा मकानों के सामने खुले नाले परेशानी का सबब बने हुए है। मकानों के सामने में खुले नालों को पार करने में परेशानी होती है। इसके अलावा इन नालों में आए दिन पशु गिर जाते हैं। इनको जेसीबी की सहायता से बाहर निकालना पड़ता है। वार्ड में आवार पशु विचरण करते रहते है।
रामजीलाल कुमावत, शिम्भूदयाल पालीवाल, शिम्भूदयाल सैनी, सुरेन्द्र सैनी, सुनील सैनी, रूड़मल नैनावत, प्रहलाद, नोहरलाल मीना, विशम्भर सैनी, भींवाराम, शंकर टेलर, करणजीत सिंह, अनिल सैनी, नरेन्द्र गुप्ता, विपिन व रणजीत आदि ने वार्ड की समस्याओं को लेकर सुझाव दिए।
वार्ड में गंदे पानी की निकासी व खुले नालों के अलावा निजी अस्पतालों में पािर्कंग नहीं होने की बड़ी समस्या है। राजमार्ग पर खुले नालों को ढकने के लिए राजमार्ग प्राधिकरण अधिकारियों व अन्य समस्याओं के समाधान के लिए पालिका अधिकारियों को अवगत कराने के बाद कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हो रही है।
गुलाबचंद सैनी, वार्ड पार्षद