scriptपुलवामा शहीद की वीरांगना पत्नी बोली, लगता है वे डयूटी पर हैं और जल्द वापस आएंगे | Pulwama terror attack's wounds are clearly visible on the minds of the | Patrika News

पुलवामा शहीद की वीरांगना पत्नी बोली, लगता है वे डयूटी पर हैं और जल्द वापस आएंगे

locationबस्सीPublished: Feb 14, 2020 04:34:53 pm

Submitted by:

Satya

परिजनों के जेहन पर साफ दिखते हैं पुलवामा आतंकी हमले के जख्म

पुलवामा शहीद की वीरांगना पत्नी बोली, लगता है वे डयूटी पर हैं और जल्द वापस आएंगे

पुलवामा शहीद की वीरांगना पत्नी बोली, लगता है वे डयूटी पर हैं और जल्द वापस आएंगे

शाहपुरा। 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को कभी भूला नहीं जा सकता। आतंकी हमले की पहली बरसी आते ही शहीदों के परिजनों को अपनों की याद सताने लगी है।
जयपुर जिले के गोविन्दपुरा बासड़ी के जवान रोहिताश लाम्बा भी पुलवामा के आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। आतंकी हमले को एक साल बीत गया, लेकिन उस हमले को याद कर परिजनों के जख्म आज भी हरे दिखे।
पुलवामा अटैक की पहली बरसी पर पत्रिका संवाददाता शहीद रोहिताश लाम्बा के घर पहुंचा तो उसके माता-पिता शहीद के 14 माह के बेटे ध्रुव के साथ खेल रहे थे।

वहीं, वीरांगना पत्नी मंजू देवी कमरे में अपने पति की तस्वीर के पास बैठी थी। शहीद का छोटा भाई जितेन्द्र घर के काम में व्यस्त था। जैसे ही संवाददाता ने परिजनों से पुलवामा हमले को लेकर बातचीत शुरू की तो वीरांगना भी पति के फोटो हाथ में लेकर कमरे से बाहर आकर पास में खड़ी हो गई।
पुलवामा का नाम सुनते ही रोहिताश के पिता बाबूलाल लाम्बा, माता घीसी देवी व वीरांगना मंजू देवी की आंखों से आंसू छलक पड़े। देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले अपने लाल की शहादत को लेकर माता-पिता में गर्व था, वहीं जवान बेटे की याद आने पर आंखों से दर्द भी छलक पड़ा।
पिता बाबूलाल लाम्बा बोले कि बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन आज भी उसकी पल-पल याद आती है। हम उस दिन को अभी तक भुला नहीं पा रहे। शहीद रोहिताश के 14 माह के बेटे धु्रव की तरफ इसारा कर बोले कि अब इसी के सहारे अपना समय व्यतीत करते हैं।

अब बेटा 14 माह का हो गया

शहीद की मां घीसी देवी बोली कि बेटे रोहिताश के शहीद होने के समय उसका बेटा धु्रव मात्र डेढ माह का था। अब धु्रव 14 महिने का हो गया है। अब उसी में बेटे रोहिताश को देखते हैं।
जब भी धु्रव को देखते हैं तो बेटे रोहिताश के बचपन की यादें जेहन में जिंदा हो आती है। रोहिताश अंतिम बार ध्रुव के जन्मोत्सव पर ही छुट्टियां लेकर घर आया था।

वीरांगना का छलका दर्द, बोली-लगता है वे डयूटी पर हैं और जल्द वापस आएंगे
बातचीत के दौरान अपने पति को याद करते हुए शहीद की वीरांगना पत्नी मंजू देवी की आंखों में आसूं छलक पड़े। बोली कि एक भी ऐसा दिन नहीं जाता, जब वो याद नहीं आते हो। पल-पल उनकी याद सताती है। ऐसा लगता है कि अभी ड्यूटी पर है और आज-कल में घर वापस आ जाएंगे। अब बेटा ध्रुव ही उनकी निशानी है, उसे पालपोषकर बड़ा करना है।
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परिजन बोले

बेटे रोहिताश की शहादत पर गर्व है। रोहिताश दोस्तों व परिजनों से एक ही बात कहता था कि काम ऐसा करना चाहिए, जिसे दुनिया याद रखे। उसने जो कहा वह देश के लिए कर गया। अब उसके कहे शब्द ही याद आते हैं।———-बाबूलाल लाम्बा, शहीद के पिता
भले ही बेटे को खोने का गम जरुर है, लेकिन इस बात का गर्व भी है कि बेटे ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए। उसे शहीद हुए एक साल बीत गया, लेकिन आज भी उस दिन को भुला नहीं पा रहे। वह बहुत ख्याल रखता था। हर मां को ऐसा सपूत बेटा हर जन्म में मिले।——-घीसी देवी, शहीद की मां
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सरकार से यह मिला पैकेज
-प्रदेश सरकार और सीआरपीएफ व केन्द्र से मिली आर्थिक सहायता

इन घोषणाओं का इंतजार
-शहीद परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी अभी नहीं मिली
-सरकारी विद्यालय का शहीद के नामकरण नहीं हुआ
-शहीद स्मारक नहीं बना
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