सरकार की मुख्य जिला सड़क (एमडीआर) योजना में कोटपूतली से किशनगढ़ तक 7 मीटर चौड़ी सड़क, शहर में 10 मीटर चौड़ी सीसी सड़क व 1.5 मीटर पटरी व नाली का निर्माण हुआ था। बाद मंे लोगों ने अपनी मर्जी से बिजली के पोल डालकर गति अवरोधक बना दिए। इनकी ऊंचाई अधिक होने से कई चौपहियां वाहनों के इंजन ब्रेकर से टकरा जाते हैं।
रात को दिखाई नहीं देते ब्रेकर अवैध गति अवरोधक पर कोलतार डालने से रंग काला हो गया, जो रात के समय वाहन चालकों को दिखाई नहीं देते हैं। कई ब्रेकरों पर तो नुकीले पत्थर बाहर निकले हुए हैं। जिससे टायर पंचर होने की आशंका बनी रहती है। यहां पुराने चुंगी नाके से पहले धर्म कांटे के पास बने दो बे्रकर पुराने हैं, लेकिन इन पर भी सफेद रंग पुतवाने व मानकों के अनुसार ठीक कराने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।
कहां-कहां बने है ब्रेकर
शहर में बानसूर रोड़ पर धर्मकांटे के सामने सीसीरोड, बटेरी मोड़, कांकरिया बस स्टैंड, दौलत सिंह की ढाणी, नई सड़क, बानसूर पुलिस थाने के सामने, सुभाष चौक के समीप, बाई पास के नजदीक 2-2 व चतुर्भुज में तीन ब्रेकर बने हुए हैं।
स्पीड बे्रकर के मानक सार्वजनिक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता धर्मसिंह यादव का कहना है कि राजमार्ग सहित मुख्य मार्गों पर स्पीड ब्रेकर का प्रावधान ही नहीं है। यदि घनी आबादी क्षेत्र में विशेष जरूरत होने पर कहीं गति अवरोधक विभाग की ओर से बनाया जाता है तो इसकी निश्चित चौड़ाई व ऊंचाई होती है। ब्रेकर से पहले संकेतक बोर्ड लगाए जाते हैं। इन ब्रेकरों से वाहन की गति धीमी हो जाती है और वाहन चालकों को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। गति अवरोधक पर सफेद रंग की पट्टी बनाई जाती है।
उप मार्गों पर बनाते हैं ब्रेकर सार्वजनिक निर्माण विभाग के तय मानकों के अनुसार मुख्य मार्गों से जुड़े उप मार्गों पर ब्रेकर बनाने का प्रावधान है। उप मार्ग सेमुख्य मार्ग पर चढऩे से 50 मीटर पहले की दूरी पर बे्रकर बनाए जाते हैं। ताकि वाहन के मुख्य मार्ग पर चढ़ते समय वाहन की गति नियंत्रण में रहे। इसके लिए तय मानकों के अनुसार ही गति अवरोधक बनाए जाते हैं।
इनका कहना
मुख्य मार्गों पर बने अवैध ब्रेकरों को हटाने के दौरान ग्रामीणों का विरोध होने से इनको हटाने में परेशानी होती है। बानसूर मार्ग पर जहां कहीं भी सड़क दुर्घटना हुई, वहीं लोगों ने ब्रेकर बना दिए, जो बने हुए वो भी मापदण्डों के अनुसार नहीं है। इनकी अनुमति नहीं होने व ब्रेकर अवैध होने से यहां संकेतक बोर्ड लगाना और इनको ठीक कराना भी संभव नहीं है।
धर्मसिंह यादव, एईएन , सार्वजनिक निर्माण विभाग, कोटपूतली