ग्राम पंचायत कचौलिया, फालियावास और सिंदौली के सैकड़ों ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि इन ग्राम पंचायतों को नवसृजित तूंगा पंचायत समिति से हटाकर पुन: बस्सी पंचायत समिति में नहीं जोड़ा जाता है तो पंचायत चुनाव (Panchayat election) में भागीदारी नहीं निभाएंगे। बैठक में सभी वक्ताओं ने पंचायत राज पुनर्गठन में बरती गई लापरवाही को लेकर जिम्मेदारों पर जमकर निशाना साधा।
पूर्व आरएएस अधिकारी भगवान सहाय शर्मा ने कहा की (Panchayat election) पुनर्गठन बाशिंदों को राहत देने के उद्देश्य से किया जाता है जिससे ग्राम पंचायतों को नजदीकी पंचायत समिति में जोड़कर राहत दी जाए लेकिन यहां तो उल्टा हुआ है। पुनर्गठन में राहत देने के बजाय जिम्मेदारों ने ग्रामीणों के सामने परेशानी खड़ी कर दी।
पंचायत राज चुनाव (Panchayat election) को लेकर लॉटरी निकलने के बाद संभावित दावेदारों ने पोस्टर, बैनर आदि छपवा कर लोगों को बधाई देकर अपनी उम्मीदवारी सामने रख दी थी लेकिन ग्रामीणों के लामबंद होने पर दावेदारों ने भी बैठक में उपस्थित होकर इन गांवों को बस्सी पंचायत समिति में नहीं जोडऩे की दशा में चुनाव नहीं लडऩे का ऐलान किया।
3 ग्राम पंचायतों के दर्जनभर से अधिक गांवों के पंच पटेलों ने बैठक में ऐलान किया कि अगर सामूहिक फैसले के विरुद्ध किसी ने जाकर पंचायत राज (Panchayat election) के चुनाव में पंच सरपंच और पंचायत समिति के चुनाव में नामांकन दाखिल किया तो उस व्यक्ति के खिलाफ 11 लाख रुपए का जुर्माना किया जाएगा। हालांकि बाद में पूर्व आरएएस अधिकारी भगवान सहाय शर्मा ने ग्रामीणों को शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने के लिए प्रेरित कर जुर्माने जैसी पाबंदी नहीं लगाने के लिए कहा।