राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल व प्रदेश प्रवक्ता जयराम पलसानिया ने प्रेस वार्ता में कहा कि राजस्थान सरपंच संघ अपनी मांगों को लेकर पिछले 1 वर्ष से लगातार आंदोलनरत है। आंदोलनरत सरपंच संघ से मार्च एवं अक्टूबर 2021 में मुख्यमंत्री स्तर की वार्ता में सहमतियां व्यक्त कर लिखित समझौता करने के बाद भी विभाग द्वारा अभी तक समझौते को लागू नहीं किया गया है।
सरपंच संघ के प्रतिनिधिमंडल को हर बार समय देकर वापस लौटा दिया जाता है, जिससे प्रदेश के सरपंचों में आक्रोश है। जबकि सरपंच संघ की समस्त मांगे ग्रामीण क्षेत्र के विकास व ग्रामीण जनता के हित से जुड़ी है। जिन पर निर्णय नहीं होने से गांवों का विकास पूरी तरह अवरुद्ध हो रहा है।
सरपंच संघ के कार्यकारी अध्यक्ष रोशन अली ने कहा कि आंदोलन के तहत राजस्थान सरपंच संघ सभी जगह गुहार लगाकर थक चुका है इसलिए अब फिर से संघर्ष करने का निर्णय किया है।
बजट में घोषणा नहीं तो विधानसभा का करेंगे घेराव
बजट में घोषणा नहीं तो विधानसभा का करेंगे घेराव
क्षेत्र की जवानपुरा पंचायत के सरपंच व सरपंच संघ के प्रदेश प्रवक्ता जयराम पलसानिया व रफीक पठान व ने बताया कि संघर्ष के चरणों में 21 फरवरी को संपूर्ण प्रदेश में जिला मुख्यालय पर मुख्यमंत्री एवं पंचायती राज मंत्री के नाम जिला कलक्टर को चेतावनी ज्ञापन दिया जाएगा। इसके उपरांत भी यदि राज्य सरकार के द्वारा 23 फरवरी को जारी होने वाले बजट में सरपंच संघ की मांगों पर सकारात्मक घोषणा नहीं की गई तो सरपंच संघ द्वारा विधानसभा का घेराव कर प्रदर्शन किया जाएगा।
इस दौरान विराटनगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत जवानपुरा के सरपंच व सरपंच संघ के प्रदेश प्रवक्ता जयराम पलसानिया, मुख्य महामंत्री शक्ति सिंह, प्रदेश प्रवक्ता रफीक पठान, प्रदेश उपाध्यक्ष गोपाल शर्मा, रामप्रसाद, सरपंच संघ जयपुर के जिला अध्यक्ष मेहर सिंह धनकड़, सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
सरपंच संघ की ये है मांगे -ग्राम पंचायतों को विकास के लिए छठवें राज्य वित्त आयोग की वित्तीय वर्ष 2021-22 के 3 हजार करोड़ रुपए 15 वें वित्त आयोग की द्वितीय किस्त की राशि के 1500 करोड़ रुपए देने, ग्राम पंचायतों के विकास की राशि में से मानदेय कर्मियों (पंचायत सहायक, कोविड हेल्थ सहायक, सुरक्षा गार्ड एवं पंप चालक ) के भुगतान के प्रावधानों को निरस्त कर इनके मानदेय के लिए अलग से बजट का प्रावधान करने, सरपंचों का मानदेय बढ़ाने, ग्राम पंचायत के वार्ड पंचों और पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्यों का बैठक भत्ता बढ़ाने,
प्रधानमंत्री आवास योजना में विभागीय त्रुटी से काटे गए नामों को फिर से जोडऩे, जल जीवन मिशन योजना के संचालन एवं संधारण के लिए जलदाय विभाग को अधिकृत करने, खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित होने से वंचित पात्र लाभार्थियों के नाम जोडऩे के लिए पोर्टल को पुन: खोला जाने सहित विभिन्न मांगे शामिल है।