आंदोलन के अगुवा डॉ. किरोडी ने कहा कि राज्य सरकार जब तक रामगढ़ बांध में पानी नहीं लाएगी, तब तक मैं सरकार को चैन की नींद नहीं सोने दूंगा। रामगढ़ बांध में पानी लाने के लिए लम्बी लड़ाई लडऩी पड़ेगी। उन्होंने कहां कि यह कि सी राजनीतिक दल का मंच नहीं है। मंच पर रामगढ़ बांध है। जनता की ताकत सबसे बड़ी ताकत है। इसके सामने सरकार की ताकत फीकी है।
किरोड़ी ने तीखे और मनोरंजक अंदाज में राज्य सरकार पर निशाना साधा। सरकार से दो पत्र तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को मंजूरी के लिए केंद्र को पत्र लिखे। साथ ही चम्बल से पानी लाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार का सहमति पत्र केंद्र सरकार को भिजवाए। डॉ. किरोडी ने राज्य सरकार को चेताया कि सरकार परियोजना की 40 प्रतिशत हिस्सा राशि देने की सहमति भी केंद्र सरकार को भेजे। इसके बाद केन्द्र से परियोजना को पास करवाने की जिम्मेदारी जयपुर सांसद बोहरा, ग्रामीण सांसद राज्यवर्धन सिंह और मेरी है। उन्होंने ध्यान दिलाया कि पूर्व की वसुंधरा सरकार ने जमवारामगढ़ में जमुना का पानी लाने के लिए 37000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र को भेजा था, मौजूदा सरकार को उस पर फिर से काम करना चाहिए।
डॉ. किरोडी ने पूर्वी राजस्थान परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के लिए केंद्र सरकार से अब तक राज्य सरकार द्वारा मांग नहीं करने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यदि यह राष्ट्रीय परियोजना घोषित होती है, तो राज्य को मात्र दस प्रतिशत हिस्सा राशि ही देनी होगी। उन्होंने कहा कि सरकार राजी से नहीं मानेगी तो जनता के समर्थन से मैदान पर संघर्ष किया जाएगा। इसका सभा में मौजूद जन समूह ने समर्थन किया। उन्होंने जनता से अहिंसात्मक और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने का आह्वान किया।
जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में रसूखदारों ने फ फार्महाउस, रिसोट्र्स और बड़े बड़े निर्माण कर पानी रोक रखा है। बोहरा ने कहा कि डॉ. किरोडी लाल आंदोलन के अगुवा हैं। अब सरकार की नाक में नकेल डालकर रामगढ़ बांध में पानी लाने का काम किया जाएगा। चौमूं विधायक और भाजपा जयपुर देहात उत्तर अध्यक्ष रामलाल शर्मा ने रामगढ़ बांध में पानी लाने का मामला विधानसभा में उठाने का भरोसा दिलाया। विधानसभा में चौमूं से पहले में जमवारामगढ़ बांध में पानी की मांग उठाऊंगा।