देश में लॉकडाउन लगने पर इस क्षेत्र में संचालित अधिकतर ट्रकों के ड्राइवर दूसरे जिले व दूसरे राज्यों में अपने घर चले गए थे। वहां से इनको आने में परेशानी हो रही है। कोरोना संक्रमण से किसी भी तरह की अनहोनी पर ट्रक मालिकों को इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराने और उनके खिलाफ लेबर एक्ट के तहत कारवाई का प्रावधान करने से भी ट्रक मालिक संचालन में रूचि नहीं ले रहे है।
सरकार ने 20 अप्रेल को सभी तरह के ट्रकों के संचालन की छूट प्रदान कर दी। लेकिन ट्रक चालकों के लिए पास (अनुमति) की व्यवस्था का कोई प्रावधन नहीं किया गया। पास के अभाव में ट्रक चालकों को रास्ते में चैक पोस्टों पर रोका जा रहा है और उन्हें सीमा पार कर आने नहीं दिया जा रहा है। माल से भरे व खाली ट्रक अभी तक होटल, पेट्रोल पंप सहित अन्य स्थानों पर खड़े है। श्रमिकों के नहीं होने से ट्रकों में माल भरने व उतारने की समस्या भी आ रही है। ट्रक चालकों को किसी भी परिसर में प्रवेश करने के लिए मास्क व दस्ताने पहनना अनिवार्य होगा। उसे सेनेटाइजर भी रखना होगा। लॉकडान में छूट के बाद शुरू के दिनों में विभिन्न स्थानों पर फंसे दूसरे राज्यों के ट्रक गंतव्य के लिए रवाना हुए थे। इससे राजमार्ग पर मालवाहक वाहन दौड़ते नजर आए थे। लेकिन अब फिर से राजमार्ग पर मालवाहक वाहन कम नजर आने लगे है।
सरकार ने मालवाहक वाहनों के संचालन की छूट तो प्रदान कर दी है, लेकिन इनके संचालन में कई तरह की व्यावहारिक कठिनाईयां सामने आ रही है। चालक कोरोना संक्रमण के भय से घरों से नहीं आ रहे है। इसके अलावा श्रमिकों के नहीं आने से अनलोडि़ंग की समस्या भी आ रही है।
रमेश सोनी, ट्रांसपोर्ट व्यवसायी कोटपूतली