श्मशान स्थल पर भी बजरी के ढेर
उप तहसील के डिड़ावता स्थित श्मशान स्थल के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। यहां सर्व समाज के लिए करीब ७ बीघा भूमि श्मशान के लिए आरक्षित है, लेकिन वर्तमान में बजरी कारोबार में लिप्त लोगों ने श्मशान स्थल पर भी बजरी के ढेर लगा रखे हैं। किसी भी व्यक्ति के निधन होने पर परिजनों को सबसे पहले दाह संस्कार के लिए जमीन की सफाई करवाने में रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
उप तहसील के डिड़ावता स्थित श्मशान स्थल के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। यहां सर्व समाज के लिए करीब ७ बीघा भूमि श्मशान के लिए आरक्षित है, लेकिन वर्तमान में बजरी कारोबार में लिप्त लोगों ने श्मशान स्थल पर भी बजरी के ढेर लगा रखे हैं। किसी भी व्यक्ति के निधन होने पर परिजनों को सबसे पहले दाह संस्कार के लिए जमीन की सफाई करवाने में रुपए खर्च करने पड़ते हैं।
हर बार होती परेशानी
रविवार को भी डिड़ावता निवासी भंवर रैगर की पत्नी गीता देवी का निधन होने पर दाह संस्कार से पहले जेसीबी मशीन से बजरी को हटवाना पड़ा। इस संबंध में ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन डिड़ावता सरपंच को सौंपकर मोक्षधाम को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की। जल्द कार्रवाई नहीं होने पर ग्राम पंचायत कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी गई। सरपंच नंदलाल सैनी ने बताया कि सोमवार को इस संबंध में उपखंड अधिकारी से मिलकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगा।
रविवार को भी डिड़ावता निवासी भंवर रैगर की पत्नी गीता देवी का निधन होने पर दाह संस्कार से पहले जेसीबी मशीन से बजरी को हटवाना पड़ा। इस संबंध में ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन डिड़ावता सरपंच को सौंपकर मोक्षधाम को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की। जल्द कार्रवाई नहीं होने पर ग्राम पंचायत कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी गई। सरपंच नंदलाल सैनी ने बताया कि सोमवार को इस संबंध में उपखंड अधिकारी से मिलकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगा।