जिम्मेदारों की संवेदक पर बरस रही ‘मेहरबानी’ की बानगी क्षेत्र में जयपुर-प्रतापगढ़ वाया आंधी-जमवारामगढ़ स्टेट हाइवे संख्या 55 पर थली मोड़ के पास सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से कराए जा रहे क्षतिग्रस्त पुलिया के नवीनीकरण कार्य स्थल पर देखी जा सकती है। जहां पर पीडब्ल्यूडी द्वारा पुल निर्माण के लिए निर्धारित समय के सवा 2 माह बाद भी मौके पर अभी तक 10 प्रतिशत निर्माण कार्य भी नहीं हुआ है। ऐसे में निर्माण कार्य ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है। पुल निर्माण में हो रही देरी स्थानीय लोगों सहित इस मार्ग से गुजरने वाले हजारों वाहन चालकों को परेशानी हो रही है।
जयपुर-प्रतापगढ़ वाया आंधी स्टेट हाइवे संख्या 55 पर थली मोड़ के पास बरसाती नाले पर रियासतकालीन जमाने में बनी पुलिया जर्जर होने के कारण अगस्त 2016 में क्षतिग्रस्त हो गई थी। ऐसे में ग्रामीणों की ओर से 2 वर्ष तक क्षतिग्रस्त पुलिया के स्थान पर नए पुल का निर्माण कराने की मांग की जाती रही। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित सार्वजनिक निर्माण विभाग के उच्चाधिकारियों से गुहार के बाद पीडब्ल्यूडी ने अगस्त 2018 में गुढ़ा से जयपुर वाया आंधी-जमवारामगढ़ मार्ग पर 92.68 लाख रुपए की लागत से पुल निर्माण कार्य स्वीकृत किया।
विभाग द्वारा निर्माण के लिए जारी कार्य आदेश के तहत अधिकृत संवेदक मैसर्स पन्नालाल मीणा को 9 अक्टूबर 2018 को निर्माण कार्य शुरू करने के लिए कहा गया। साथ ही 8 जनवरी 2019 तक पुल बनाकर विभाग के सुपुर्द करना था लेकिन कार्य की अवधि पूर्ण होने के बाद भी कार्य एक चौथाई भी नहीं हुआ है। अभी तक संवेदक ने मात्र पुल के पिलरों का सरफेश ही तैयार किया है। पुल के संवदेक ने कार्यस्थल पर निर्माण कार्य संबंधी बोर्ड लगाया हुआ है। इसमें कार्य शुरू करने की नियत तिथि 9 अक्टूबर 2018 दशाई है लेकिन ये भी मात्र औपचारिकता है। ग्रामीणों का कहना है कि जिम्मेदारों द्वारा संवेदक के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय मेहरबानी बरती जा रही है।
संवेदक फर्म ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में सार्वजनिक निर्माण विभाग की निगरानी में करीब 35 लाख की लागत से नकचीघाटी से रामगढ़ बांध तक सड़क नवीनीकरण किया था, ऐसे में सड़क कुछ समय में ही उखड़ गई थी। जिस पर पूर्व विधायक जगदीशनारायण मीणा ने आलाधिकारियों को अवगत कराया। फिर विभाग की ओर से जांच में संवेदक फ र्म को डी-बार घोषित कर दिया था।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने पहले तो निर्माण के लिए पुल और पिल्लरों का डिजायन उपलब्ध कराने में देरी की। इसके बाद सरफे श तैयार करने के लिए खुदाई में पत्थर सख्त होने से समय लग गया। अब अधिकारी भी मौके पर निरीक्षण नहीं कर रहे है जिससेे निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पाया है।
पन्नालाल मीणा, संवेदक
रामेश्वरलाल मीणा, एईएन, पीडब्ल्यूडी, जमवारामगढ़ (खंड बस्सी)