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कार्मिकों की हड़ताल से रोडवेज बसों के थमे पहिए

locationबस्सीPublished: Sep 17, 2018 10:19:16 pm

Submitted by:

Satya

राजस्थान रोडवेज श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर एटक शाखा शाहपुरा के पदाधिकारियों और अन्य रोडवेजकर्मियों ने शाहपुरा आगार में रोडवेज का ***** जाम कर हड़ताल शुरू कर दी।

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कार्मिकों की हड़ताल से रोडवेज बसों के थमे पहिए

यात्रियों को निजी वाहनों से करना पड़ा सफर, हुई परेशानी

शाहपुरा। राजस्थान रोडवेज श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर एटक शाखा शाहपुरा के पदाधिकारियों और अन्य रोडवेजकर्मियों ने रविवार रात 12 बजे से शाहपुरा आगार में रोडवेज का ***** जाम कर हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताल के चलते शाहपुरा आगार की सभी 47 शुडलों बसों के पहिए थमे रहे। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रोडवेज बसें बंद होने से यात्रियों को निजी वाहनों में यात्रा करनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि सरकार और संयुक्त मोर्चे के मध्य हुए लिखित समझौते की मांगों को लेकर रोडवेज कर्मचारियों का पिछले दो दिन से चल रहा धरना रविवार रात 12 बजे से 24 घंटे के लिए ***** जाम हड़ताल में तब्दील हो गया। इससे आगार की बसों के पहिए थमे रहे। इस दौरान आगार परिसर में रोडवेज कार्मिकों ने सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया।
एटक की शाहपुरा शाखा अध्यक्ष महावीर प्रसाद शर्मा और सचिव रामनारायण यादव ने बताया कि सरकार ने रोडवेज कार्मिकों के साथ वादा खिलाफी की है। सरकार की रोडवेज विरोधी नीतियों और 13 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन किया गया था। इस पर सरकार ने मोर्चे के मध्य बैठक कर मांगों को पूरा करने के लिए लिखित समझौता किया था। मगर सरकार समझौते पर खरी नहीं उतर पाई है। इससे रोडवेज कार्मिकों में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है। कर्मचारियों ने बताया कि संयुक्त मोर्चे के निर्णय से हड़ताल आगे भी बढ़ाई जा सकती है। विरोध प्रदर्शन के दौरान मोहम्मद काजी, शेरसिंह मीणा, छाजूराम, गिरिराज, श्रवण यादव, रमेश शेखावत, दिलीप शेखावत, गोपीचंद यादव, छोटूराम गुर्जर और हरफूल जाट, मूलचंद समेत कई कार्मिक मौजूद रहे।

यात्री रहे परेशान, निजी वाहनों में किया सफर

कर्मचारियों की हड़ताल से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। यात्रियों को निजी वाहनों में यात्रा करनी पड़ी। जबकि रोडवेज की सभी बसें आगार परिसर में खड़ी रही। इधर हड़ताल कर रहे कर्मचारी आगार परिसर में ही धरने पर बैठे रहे। सभी बसें भी आगार परिसर में ही खड़ी रही।
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