राजस्थान रोडवेज श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर एटक शाखा पदाधिकारियों और अन्य रोडवेज कर्मियों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। इससे आगार की बसों के पहिए थमे रहे। हड़ताल के चलते प्रदेशभर में जहां रोडवेज व सरकार को कई करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो गया है। वहीं इस हड़ताल ने निजी बस ऑपरेटरों और अन्य सवारी वाहन संचालकों की चांदी कर दी है। निजी बस संचालक यात्रा करने वालों से मनमाना किराया वसूल रहे हंै।
बस्सी•Sep 18, 2018 / 08:40 pm•
Kailash Chand Barala
सड़कों पर नहीं दौड़ी रोडवेज, निजी बस ऑपरेटर कूट रहे चांदी, यात्री बे-बस
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