scriptमुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान फिर आई सामने, भाजपा को दी बहरूपिया की संज्ञा | Sachin Pilot Vs Ashok Gehlot in Rajasthan | Patrika News

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान फिर आई सामने, भाजपा को दी बहरूपिया की संज्ञा

locationबस्सीPublished: Oct 21, 2021 10:28:26 am

Submitted by:

vinod sharma

चाकसू में अंबेडकर प्रतिमा लोकार्पण समारोह : मेघवाल की जगह मंत्रिमंडल में जल्द कोई दलित बने मंत्री-पायलट

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान फिर आई सामने, भाजपा को दी बहरूपिया की संज्ञा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की खींचतान फिर आई सामने, भाजपा को दी बहरूपिया की संज्ञा

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की खींचतान बुधवार को चाकसू में अंबेडकर प्रतिमा लोकार्पण समारोह में एक बार फिर देखने को मिली।
पायलट समर्थक चाकसू विधायक वेदप्रकाश सोलंकी ने अंबेडकर प्रतिमा लोकार्पण समारोह में पायलट के अलावा मुख्यमंत्री गहलोत और प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को भी आमंत्रित किया, लेकिन दोनों नहीं पहुंचे। जबकि पायलट और उनके समर्थक विधायकों के अलावा एआइसीसी के प्रभारी सचिव तरूण कुमार भी मौजूद रहे।
दलितों को पूरा सम्मान मिले…
ऐसे में पायलट भी नहीं चूके और गहलोत सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पंजाब में दलित सीएम बना है, तो यहां भी दलितों को पूरा सम्मान मिले। उन्होंने कैबिनेट विस्तार की बात छेड़ी और कहा कि कैबिनेट में दलित मंत्री की खाली हुई जगह को जल्द भरा जाए। भंवरलाल मेघवाल को याद करते हुए कहा कि वे पहले मंत्रिमंडल में दलित मंत्री थे, लेकिन अब वे हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने कहा कि मेघवाल ने दलितों के लिए बहुत काम किए। पायलट ने राजनीतिक नियुक्तियों में भी पिछड़ों और दलितों को शामिल करने की बात कही। उम्मीद है हमारे दलित भाई-बहनों को मान-सम्मान सरकार देगी। राजस्थान के प्रभारी सचिव तरुण कुमार ने कहा कि अंबेडकर मूर्ति का जो कार्यक्रम हो रहा है इसकी गूंज केवल जयपुर तक नहीं, दिल्ली तक भी पहुंच रही है। चाकसू में कोटखावदा मोड़ पर अष्टधातु से बनी 1125 किलो वजनी बाबा साहेब की प्रतिमा का अनावरण हुआ।
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प्रशांत-इन्दिरा की मौजूदगी की रही चर्चा…
मूर्ति अनावरण समारोह में गहलोत खेमे के निवाई विधायक प्रशांत बैरवा और बामनवास विधायक इंदिरा मीणा की मौजूदगी की खासी चर्चा रही। इस दौरान पायलट समर्थक विधायक मुरारी लाल मीणा, जी. आर. खटाणा, इंद्राज गुर्जर, अमर सिंह जाटव और वेद सोलंकी के साथ ही कांग्रेस सचिव महेंद्र सिंह खेड़ी भी मौजूद रहे। इस दौरान समारोह में सचिन पायलट समर्थकों ने उन्हें सीएम बनाने की मांग को लेकर नारे भी लगाए।
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पिता की मूर्ति के विवाद पर भी कसा तंज…
हाल ही चाकसू में कांग्रेस के दिग्गज नेता और पिता राजेश पायलट की मूर्ति गुपचुप लगाने और इसके विवाद को लेकर भी सचिन पायलट ने सरकार पर तंज कसा और कहा कि प्रतिमाओं का अनावरण सबको साथ लेकर लोगों को जोडऩे के लिए किया जाता है। चुपचाप करके किसी किनारे मूर्ति लगाने से काम नहीं चलता। आनन-फानन में न किसी से पूछो, बताओ और सीधा मूर्ति लगा दो। उससे अच्छा संदेश नहीं जाता।
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वोट के लिए पूज रहे पटेल-अम्बेडकर को…
पायलट ने भाजपा को बहरूपिया की संज्ञा देते हुए कहा कि भाजपा बहरूपियों की पार्टी है, वोट के लिए भीमराव अंबेडकर और सरदार पटेल को पूजने लगे हैं। जबकि पहले ये लोग अंबेडकर और पटेल को देखते तक नहीं थे। इन्हें अंबेडकर साहब से कोई लगाव नहीं है। लेकिन वोट और सिंहासन पाने के लिए बहरूपिए बन जाते हैं। लेकिन हम चाहते हैं कि सभी को साथ लेकर चलें। जो लचीले भाषण देकर लोगों में टकराव पैदा करते हैं, लोगों को भड़काते हैं, दंगे करवाते हैं और फूट डालो राज करो की बात करते हैं, ऐसे लोगों से बचकर रहना होगा।

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