बस्सीPublished: Jan 26, 2018 12:46:29 pm
vinod sharma
जिन्हें बचपन में परिवार ने बीमार हो जाने के बाद गुरु शरण में छोड़ दिया, वे अब वैराग्य धारण कर लाखों लोगों के पथ प्रदर्शक है।
जयपुर। जिन्हें बचपन में परिवार ने बीमार हो जाने के बाद गुरु शरण में छोड़ दिया, वे अब वैराग्य धारण कर लाखों लोगों के पथ प्रदर्शक है। बाल्यावस्था में ही उन्होंने संन्यास ले लिया था। संभवत: पूरे सिंहस्थ में बाल ब्रह्मचारी महाराज नारायणदास सबसे ज्यादा उम्र के वैरागी हैं। उनके शिष्य उन्हें 92 वर्ष का बताते हैं, लेकिन उन्हें देख लगता है कि वे शतायु हो चुके हैं। मंगलनाथ मंदिर के सामने पुराने पुल के पास उनके आश्रम में रोजाना हजारों लोग आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। वे श्रद्धालुओं को गौ रक्षा का संदेश देत