पुलिस ने जयपुर के इन्द्रा कॉलोनी निवासी हिमांशू उर्फ जहांगीर जांगिड़, लिसाडिया थाना श्रीमाधोपुर निवासी राकेश यादव, तिवाडियों का मोहल्ला थाना श्रीमाधोपुर हाल अमरसर निवासी गुलशन कुमार उर्फ प्रवीण शर्मा, लखावाली ढाणी थाना अमरसर निवासी मुकेश जाट को गिरफ्तार किया है। जबकि गैंग के अन्य सदस्य गांधी नगर जयपुर निवासी बंटी उर्फ सुरेन्द्र शर्मा, अमरसर निवासी संतोष उर्फ संतु मीणा, रैगरों का मोहल्ला, घाटगेट जयपुर निवासी ऋषि उर्फ रोहित शर्मा, मकराणा निवासी समीर बांटी उर्फ समीर तोतला भाटी, झालाना डूंगरी जयपुर निवासी सीताराम मीणा उर्फ सीताराम राणा व शाहपुरा निवासी इरफान की तलाश जारी है।
जयपुर रेंज आईजी एस. सेंगथिर व जयपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक शंकरदत्त शर्मा ने सोमवार शाम को जयपुर पुलिस मुख्यालय पर वारदात का खुलासा किया।खुलासे में बताया कि गैंग के सदस्य अमरसर निवासी संतू मीणा व गुलशन की सरपंच से जमीन से संबंधित पुरानी रंजिश थी। 2 मार्च को रंजिश के चलते हिमांशु गैंग की ओर से अमरसर में एक फार्म पर सरपंच की हत्या करने की योजना बनाई थी। योजना के अनुसार रैकी कर गुलशन, मुकेश जाट व राकेश यादव की ओर से सरपंच की हत्या करना तय हुआ। वहीं संतु मीणा, बंटी शर्मा, हिमांशु जांगिड़ व अन्य की ओर से हथियार व साधन की व्यवस्था कर उचित समय पर वारदात को अंजाम देना तय किया। इस क्रम में घटना के चार दिन पहले अलवर के पाराशर धाम पर पुन: गैंग के सदस्यों की मिटिंग की गई। जिसमें हिमांशु जांगिड़, संतु मीणा, बंटी शर्मा व सीताराम मीणा की ओर से 18 मई की रात को सरपंच ओमप्रकाश सैनी की हत्या करना तय कर षड्यंत्र के मुताबिक घटना को अंजाम दिया गया।
इस प्रकार देती हैं गैंग वारदात को अंजाम
गैंग के सदस्य आपसी रंजिश, साथियों के लेनदेन की रंजिश के साथ ही अन्य लोगों की लेनदेन के लिए भी सुपारी लेकर हत्या के लिए गैंग के सदस्य संबंधित व्यक्ति की रैकी करते है। इसके बाद वारदात को अंजाम देते है। तय योजना के अनुसार टारगेट को गोली मारते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग करते है। साथ ही लेनदेन के प्रकरणों को निपटाने के लिए पहले धमकी देकर बुलाते है, फिर हाथ पांव तोडते हुए अपराधिक कार्य करते है।
आधुनिक तकनीक का लिया सहारा
थाना प्रभारी सुरेश रोलन ने बताया कि हत्या के बाद उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आधुनिक साइबर तकनीक का सहारा लिया गया। साइबर तकनीक व पुलिस अनुसंधान में वारदात को हिमांशु गैग की ओर से अंजाम दे ना पाया गया। जिस पर पुलिस टीम को हत्यारों की कड़ी पकड़ में आई और हत्यारों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।
हत्या वारदात की गुत्थी सुलझाने के लिए १ आईपीएस, ४ आरपीएस १८ एसएचओ और २३ पुलिसकर्मियों की टीम वारदात के खुलासे के लिए लगी थी। जिसमें एसपी शंकरदत्त शर्मा, एएसपी मुख्यालय ज्ञानचंद यादव, एएसपी कोटपूतली भरतलाल मीणा, डीएसपी एसपी कार्यालय चंद्रसिंह, डीएसपी कोटपूतली दिनेश यादव, थाना प्रभारी चंदवाजी विक्रांत शर्मा, शाहपुरा के महेंद्र सिंह, कोटपूतली के नरेंद्र कुमार, दूदू के सुरेश यादव, उप निरीक्षक हवा सिंह, उप निरीक्षक मनोज कुमार, थाना प्रभारी कालाडेरा धर्मसिंह, अमरसर थाना प्रभारी सुरेश रोलन, पनियाला के हितेश शर्मा, त्रिवेणी चौकी प्रभारी कैलाश मीणा, एएसआई दुलाराम सैनी, एएसआई एसपी कार्यालय हेमराज मीणा सहित २३ पुलिसकर्मी शामिल थे। टीम के अलावा पिलाना थाना प्रभारी मदन कडवासरा, खाटूश्याम के थाना प्रभारी मनीष शर्मा, अजीतगढ़ थाना प्रभारी सवाई सिंह का भी सहयोग लिया गया।
पुलिस ने बताया कि सरपंच की हत्या के बाद गैंग के टारगेट पर जयपुर के दो व्यक्ति भी थे। जिनकी हत्या करने की योजना बनाई जा चुकी थी, लेकिन सरपंच की हत्या के बाद लगातार पुलिस की दबिश के चलते गैंग के सदस्यों को मौका नहीं मिल पाया। पुलिस ने बताया कि इसके अलावा पूछताछ पर कई चौकाने वाले खुलासे भी सामने आए है। जिसमें गैंग की ओर से नागौर के मकराना में गोली मारकर हत्या करना, झोटवाड़ा हिस्ट्रीशीटर पर गोली मारकर हत्या का प्रयास, राजपार्क में फायरिंग करना, जयपुर शहर के कई थाना इलाको में कई वारदातों को अंजाम दिया है।