सरपंचों ने ज्ञापन में बताया कि एक तरफ पंचायतीराज संस्थाओं को स्वतंत्र निकाय के रूप में प्रतिस्थापित किया जा रहा है, वहीं विगत दो वर्षो से प्रशासनिक अधिकारियों व जनप्रतिनिधिओं द्वारा पंचायती राज संसथाओं के प्रशासनिक व वित्तीय हितों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। सरपंचों ने राज्य वित्त आयोग की सिफारिश वर्ष 2019-20 की राशि पंचायतों को हस्तांतरण नहीं करने व छठवें वित्त आयोग का गठन नहीं करने से पंचायत के विकास कार्यो में आ रही समस्याओं को लेकर भी नाराजगी जताई।
साथ ही सरपंच संघ की ओर से वित्त विभाग व पंचायतीराज विभाग के उक्त निर्णय के विरोध में ज्ञापन दिया। इस दोरान अमरसिंह शेखावत, कविता सैणा, महावीर मीणा ,सीता देवी, मुरली, नंछी देवी, सुरेश कुमार, मंजु देवी सहित क्षेत्र के कई सरपंचों ने ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान शाहपुरा पंचायत समिति क्षेत्र की गई ग्राम पंचायतों के सरपंच मौजूद थे। सरपंचों ने विरोध जताने के बाद विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
इधर, विराटनगर पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के सरपंचों ने भी राज्य सरकार की ओर से ग्राम पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाते खोलने के आदेशों का विरोध जताते हुए आदेशों की होली जलाई। सरपंचों ने पंचायतों के ब्याज रहित पीडी खाते खोलने व पंचायत राज संस्थाओं के संवैधानिक वित्तीय अधिकारों में की जा रही कटौती को लेकर पंचायत समिति के बाहर विरोध जताया। इस दौरान कई पंचायतों के सरपंच मौजूद थे।