script18 महिने बाद खुले पहली से 5वीं तक के स्कूल, स्कूलों में लौटी रौनक | Schools from 1st to 5th opened after 18 months, the beauty returned to | Patrika News

18 महिने बाद खुले पहली से 5वीं तक के स्कूल, स्कूलों में लौटी रौनक

locationबस्सीPublished: Sep 27, 2021 10:44:21 pm

Submitted by:

Satya

-पहले दिन विद्यार्थियों की संख्या रही कम
-शाहपुरा ब्लॉक में कक्षा 1 से 5वीं तक करीब 20 हजार बच्चे नामांकित
-पहले दिन शिक्षकों ने कोरोना जागरुकता का पढ़ाया पाठ
-लम्बे समय बाद स्कूल पहुंचे छोटे बच्चे, मुख्य गेट पर हाथ सेनेटाइज व थर्मल स्क्रीनिंग कर दिया प्रवेश
-पहली से 12वीं तक के स्कूल खुलने से अब पटरी पर लौटेगी शिक्षण व्यवस्था, बच्चों में छायी खुशी
-अभी प्रार्थना सभा व खेल गतिविधियों पर रहेगी पाबंदी, सोशल डिस्टेंस व मास्क जरूरी

18 महिने बाद खुले पहली से 5वीं तक के स्कूल, स्कूलों में लौटी रौनक

18 महिने बाद खुले पहली से 5वीं तक के स्कूल, स्कूलों में लौटी रौनक

शाहपुरा। प्रदेश में कोरोना की दस्तक के दौरान बंद हुए पहली से ५वीं तक के स्कूल सरकार के निर्देश पर करीब 18 माह बाद सोमवार को बच्चों के लिए खुल गए हैं। लंबे समय से बच्चों की अनुपस्थिति से वीरान से नजर आने वाले प्राथमिक विद्यालयों में नौनिहालों के आने से रौनक लौटी है।
स्कूल खुलने के पहले दिन शाहपुरा, विराटनगर सहित जिलेभर के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम रही। स्कूलों में छोटे बच्चों की चहल पहल से स्कूलों में रौनक नजर आई। सभी छात्र-छात्राएं मास्क पहनकर स्कूल पहुंचे। स्कूल के मुख्य द्वार पर स्कूल प्रशासन की ओर से उनके हाथ सेनेटाइज करने और थर्मल स्क्रीनिंग के बाद बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिया। प्रदेश में उच्च माध्यमिक विद्यालय 1 सितम्बर से और कक्षा 6 से 8वीं तक के विद्यालय 20 सितम्बर से खुल गए थे।
अब शिक्षा विभाग ने कोरोना गाइड लाइन की पालना और कुछ पाबंदियों के साथ पहली से 5वीं कक्षा के स्कूलों को भी बच्चों के लिए खोल दिया है। जिसमें सबसे अहम बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर कोरोना गाइड लाइन की पालना अनिवार्य होगी। स्कूलों में क्षमता से 50 फीसदी बच्चों को बिठाने के निर्देश है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कोरोना की दस्तक के चलते 22 मार्च 2020 को लॉकडाउन में प्राथमिक स्कूल बंद किए थे। अब प्रदेश में सभी सरकारी व निजी विद्यालयों में कक्षा पहली से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित होने से शिक्षण व्यवस्था पटरी पर लौटेगी।
बच्चों को स्कूल आने के लिए नहीं करेंगेे पाबंद
प्रदेश में कोरोना की दस्तक के दौरान 22 मार्च 2020 को लगाए गए लॉकडाउन में पहली से 5वीं कक्षा के तक के स्कूल बंद हुए थे। इसके बाद अब 18 माह बाद प्राथमिक स्कूलों को बच्चों के लिए खोला है। अब प्रदेश में सभी सरकारी व निजी विद्यालयों में कक्षा पहली से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित होने से शिक्षण व्यवस्था पटरी पर लौटेगी। सीबीईओ गैंदालाल रैगर ने बताया कि शिक्षकों को कोरोना गाइड लाइन से शिक्षण कार्य कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। जो बच्चे स्कूल नहीं आना चाहते उनको पाबंद नहीं किया जाएगा। लंबे समय के बाद विद्यालय खुलने से सभी बच्चों में उत्साह देखा गया।
पहले दिन विद्यार्थियों को स्वास्थ्य जागरुकता का पढ़ाया पाठ
स्कूल खुलने के पहले दिन शिक्षकों ने पहली से 5वीं तक की कक्षाओं में बच्चों को स्वास्थ्य जागरुकता का पाठ पढ़ाया। शिक्षकों ने छोटे विद्यार्थियों को मास्क लगाकर स्कूल आने व विद्यालय में सोशल डिस्टेंस का पालन अनिवार्य रूप से करने, एक साथ लंच नहीं करने, लंच शेयर नहीं करने, सामुहिक गतिविधियां व खेल नहीं खेलने, विद्यालय परिसर में अनावश्यक नहीं घूमने, बच्चे पेन, कॉपी, बुक का आदान-प्रदान नहीं करने, जुुकाम, खांसी, बुखार होने पर तत्काल अवगत कराने के लिए जागरुक किया गया।
स्कूलों में प्रार्थना सभा, खेल व सामुहिक गतिविधियां नहीं होगी
सीबीईओ गैंदालाल रैगर ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार फिलहाल विद्यालयों में सिर्फ शिक्षण कार्य शुरू होगा। स्कूलों में प्रार्थना सभा, खेल गतिविधियोंं, रैली, सभाओं एवं अन्य तरह के सामुहिक कार्यक्रमों पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी। बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा कि वे किसी भी स्थिति में समूह में एकत्रित नहीं हो। वहीं बैठने के स्थान पर सामाजिक दूरी भी बनाए रखें। शौचालय से आकर हाथ साबुन पानी से धोने और पानी की बोतल भी यथासंभव घर से लाने के लिए भी जागरूक किया जाएगा।
पहली से 5वीं तक 20 हजार बच्चे नामांकित, पहले दिन आधे भी नहीं पहुंचे
शाहपुरा ब्लॉक में पहली से 5वीं तक करीब 51 से अधिक स्कूल है। इसके अलावा सरकारी व निजी करीब 350 स्कूलें ऐसी है, जिनमें कक्षा 1 से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित है। ब्लॉक की सभी स्कूलों में पहली से 5वीं तक करीब 20 हजार बच्चे नामांकित है। इनमें से पहले दिन आधे भी स्कूल नहीं पहुंचे।
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