प्रदेश में कोरोना की दस्तक के दौरान 22 मार्च 2020 को लगाए गए लॉकडाउन में पहली से 5वीं कक्षा के तक के स्कूल बंद हुए थे। इसके बाद अब 18 माह बाद प्राथमिक स्कूलों को बच्चों के लिए खोला है। अब प्रदेश में सभी सरकारी व निजी विद्यालयों में कक्षा पहली से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित होने से शिक्षण व्यवस्था पटरी पर लौटेगी। सीबीईओ गैंदालाल रैगर ने बताया कि शिक्षकों को कोरोना गाइड लाइन से शिक्षण कार्य कराने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। जो बच्चे स्कूल नहीं आना चाहते उनको पाबंद नहीं किया जाएगा। लंबे समय के बाद विद्यालय खुलने से सभी बच्चों में उत्साह देखा गया।
स्कूल खुलने के पहले दिन शिक्षकों ने पहली से 5वीं तक की कक्षाओं में बच्चों को स्वास्थ्य जागरुकता का पाठ पढ़ाया। शिक्षकों ने छोटे विद्यार्थियों को मास्क लगाकर स्कूल आने व विद्यालय में सोशल डिस्टेंस का पालन अनिवार्य रूप से करने, एक साथ लंच नहीं करने, लंच शेयर नहीं करने, सामुहिक गतिविधियां व खेल नहीं खेलने, विद्यालय परिसर में अनावश्यक नहीं घूमने, बच्चे पेन, कॉपी, बुक का आदान-प्रदान नहीं करने, जुुकाम, खांसी, बुखार होने पर तत्काल अवगत कराने के लिए जागरुक किया गया।
सीबीईओ गैंदालाल रैगर ने बताया कि सरकार के आदेशानुसार फिलहाल विद्यालयों में सिर्फ शिक्षण कार्य शुरू होगा। स्कूलों में प्रार्थना सभा, खेल गतिविधियोंं, रैली, सभाओं एवं अन्य तरह के सामुहिक कार्यक्रमों पर पूर्णतया पाबंदी रहेगी। बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा कि वे किसी भी स्थिति में समूह में एकत्रित नहीं हो। वहीं बैठने के स्थान पर सामाजिक दूरी भी बनाए रखें। शौचालय से आकर हाथ साबुन पानी से धोने और पानी की बोतल भी यथासंभव घर से लाने के लिए भी जागरूक किया जाएगा।
शाहपुरा ब्लॉक में पहली से 5वीं तक करीब 51 से अधिक स्कूल है। इसके अलावा सरकारी व निजी करीब 350 स्कूलें ऐसी है, जिनमें कक्षा 1 से 12वीं तक की कक्षाएं संचालित है। ब्लॉक की सभी स्कूलों में पहली से 5वीं तक करीब 20 हजार बच्चे नामांकित है। इनमें से पहले दिन आधे भी स्कूल नहीं पहुंचे।