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सुरक्षा में सेंध: अपराध होते हैं तो पता लगता है वर्षों से क्षेत्र में रह रहे थे आरोपी

locationबस्सीPublished: Nov 27, 2019 04:24:43 pm

वारदातों से सबक नहीं, सत्यापन में लचरता-शाहपुरा, चंदवाजी, कोटपूतली में हजारों लोग करते हैं निवास-सुरक्षा में सेंध: पुलिस वेरीफिकेशन में पुलिस व मालिक नहीं ले रहे रुचिवारदात

सुरक्षा में सेंध: अपराध होते हैं तो पता लगता है वर्षों से क्षेत्र में रह रहे थे आरोपी

सुरक्षा में सेंध: अपराध होते हैं तो पता लगता है वर्षों से क्षेत्र में रह रहे थे आरोपी

शाहपुरा/चंदवाजी.सुरक्षा को लेकर भले ही पुलिस ने तमाम अभियान चलाए हैं, लेकिन इन अभियानों के बीच सत्यापन का अभियान ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। लाख कोशिशों के बावजूद पुलिस की लचर कार्यशैली और मकान मालिकों का नजरअंदाज करने के चलते सत्यापन अभियान कागजों में ही निपटाया जा रहा है।जब अपराध होते हैं तो पता लगता है कि आरोपी तो वर्षों से क्षेत्र में रह रहे थे।
शाहपुरा में औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने व चंदवाजी क्षेत्र में तीन यूनिवर्सिटी होने से प्रदेश सहित बिहार, यूपी, बंगाल, कर्नाटक, हरियाणा से लोग यहां रहे हैं। जो क्षेत्र में बड़ी संख्या में किराए के मकानों में रह रहे है। मकान मालिकों द्वारा किरायदारों का सत्यापन नहीं कराने से वारदात के बाद आपराधिक किस्म के लोगों का खुलासा करना बड़ा मुश्किल कार्य होता है। लूट, अपहरण, चोरी जैसी अन्य गतिविधियां सामने आने और इन अपराधों में बाहरी लोगों का हाथ सामने आने के बाद भी किराएदारों के सत्यापन के काम में ढिलाई का रवैया बदल नहीं रहा है।
लोग किराएदार, घरेलू नौकर, चालक, चौकीदार, निजी कर्मचारी एवं सैल्समैन से लेकर अन्य का पुलिस सत्यापन नहीं करवा रहे। हर बार अपराध होने पर बाहरी लोगों के पुलिस सत्यापन की बात उठती तो है, लेकिन कभी प्रभावी ढंग से इसकी पालना नहीं होती। यहां शाहपुरा कस्बे समेत आसपास क्षेत्र में विभिन्न उत्पादों की फैक्ट्रियां संचालित है।
इनमें हरियाणा, उत्तरप्रदेश, बिहार, यूपी समेत अन्य राज्य के लोग काम कर रहे है। सत्यापन के अभाव में वारदात या अन्य कोई घटना होने पर पुलिस को जांच में भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इधर, चंदवाजी इलाके में भी कई युनिवर्सिटी संचालित है। जिनमें भी बाहरी छात्र अध्ययनरत है। चंदवाजी, अचरोल, निम्स, अमेटी में बड़ी संख्या में बाहरी छात्र किराए पर रह रहे है, लेकिन पूर्णत बाहरी छात्रों का पुलिस सत्यापन नहीं है।
यूपी, एमपी व बिहार के श्रमिक अधिक

ये लोग मजदूरी के लिए शाहपुरा और आसपास के कस्बों में में आ रहे हैं। इन्हीं में से एक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें अपने वहां मजदूरी कम मिलती है। उसकी जान पहचान के लोग पहले यहां आए थे, उन्होंने धीरे धीरे उन्हें भी बुला लिया। ऐसे करके हजारों की तादाद में इनकी सं या हो गई है। मु य रूप से यूपी, एमपी व बिहार की लेबर रह रही है। इधर, चंदवाजी क्षेत्र में निजी चार युनिवर्सिटी है। जिनमें यूपी, हरियाणा, दिल्ली, मध्यप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के विद्यार्थी अध्ययरत है। जो किराए पर रह रहे है।
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घर बैठे सत्यापन में भी परेशानी

सत्यापन अब घर बैठे भी किया जा सकता है। पुलिस की बेव साइट्स एवं राज कॉर्प से कोई भी घर बैठे सत्यापन कर सकता है। इसके लिए संबंधित फोटो, नाम, मोबाइल न बर, घर का स्थाई एवं कार्यस्थल का पता भरना पड़ता है। इसके बाद पुलिस की ओर से स्वयं अपने स्तर से उसका सत्यापन कर लिया जाता है, लेकिन इसमें भी किसी की दिलचस्पी सामने नहीं आ रही है।
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ई-मित्र से भी किया जा सकता है

सत्यापन की प्रक्रिया अपने नजदीकी किसी भी ई-मित्र से भी हो सकती है। ई-मित्र से ऑन लाइन आवेदन कर संबंधित की सभी जानकारियां भरनी पड़ती है। इसके बाद पुलिस करीब सात दिनों के तस्दीक कर अपने स्तर से सत्यापन करती है। इस जांच में अपराधिक रिकॉर्ड से लेकर चाल-चलन एवं चरित्र के बारे में भी पूरी जानकारी आ जाती है। इसके लिए मकान मालिक को आगे आकर पहल करनी चाहिए।
——–बानगी-१

वर्ष २०१६ में चतरपुरा स्थित श्याम मंदिर में नेपाल निवासी एक व्यक्ति काफी दिनों से रोटी बनाने का काम कर रहा था। अपने अन्य साथियों के साथ मंदिर के महंत समेत अन्य लोगों के खाने में नशीली दवा मिलाकर लूट वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने मामले में तीन नेपालियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
——-बानगी-२वर्ष

२०१७ में भाबरू फैक्ट्री में काम करने वाला यूपी निवासी एक नाबालिग को भगाकर ले गया था। बिना पुलिस सत्यापन के वह भाबरू में रहता था। पुलिस को उसे ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस वारदात के कुछ दिन बाद ही थाना इलाके से यूपी निवासी एक किराएदार एक युवति को भगा ले गया था। उसे भी पुलिस को ढूंढने में पसीने आ गए थे।
——बानगी-३

बैंकों में आए दिन रुपयों से भरे बैंग पार करने की घटनाएं हो रही है। पिछले दिनों शााहपुरा के एसबीआई बैंक में भी रुपए जमा करवाने आए लोगों से कई घटनाएं हुई। उन वारदातों में भी बाहरी लोग शामिल थे। बाहरी लोगों को सीसीटीवी कैमरों में देखा गया है। वर्ष २०१६ में कस्बे के औद्योगिक क्षेत्र में सिलेण्डर में गैस रिसाव से हुए हादसे के शिकार लोग भी बाहरी थे। इन्होंने भी पुलिस सत्यापन नहीं करवा रखा था। पुलिस को हादसे के संबंध में परिजनों को सूचना देने में काफी परेशानी हुई थी।
——बानगी-४

करीब तीन साल पहले चंदवाजी पुलिस थाना इलाके के बाल्याकाला गांव में खेत में पशु चरा रही महिला की हत्या कर दोनों पांव काटकर चांदी की कडियां निकाल ले गए थे। मामले में आरोपी ताला मोड़ स्थित निजी यूनिवर्सिटी में काम करता था। जो चंदवाजी क्षेत्र में किराए पर रह रहा था। उसे पकडऩे में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
——-बानगी-५

करीब चार माह पहले चंदवाजी में सामुहिक बलात्कार का मामला भी सामने आया था। जिसमें महिला व सामुहिक बलात्कार के आरोपी भी बाहरी थे। महिला चंदवाजी के चौमूं रोड़ पर किराए के मकान में रहती थी। वहीं आरोपी मनोहरपुर क्षेत्र में किराए के मकान में रहते थे। यूपी निवासी आरोपी कबाड़ का काम करते थे। ——-
इनका कहना है

काम-कारोबार के सिलसिले में यहां रहने वालों का पुलिस सत्यापन के लिए बीट प्रभारियों को निर्देशित किया हुआ है। भवन मालिक भी बाहरी लोगों को किराए पर घर एवं दुकान देने से पहले इसकी सूचना पुलिस को दें, तो सहूलियत होगी। सख्ती से इसकी पालना करवाई जाएगी।—–महेन्द्र सिंह, थाना प्रभारी, शाहपुरा।

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