तिरंगा यात्रा नहीं होने का रहा मलाल
हर वर्ष को तिरंगा यात्रा के साथ कावड़ लाई जाती रही है, लेकिन इस वर्ष डाक कावड़ से बाबा भोले का जलाभिषेक किया गया, तिरंगा यात्रा नहीं होने का मलाल शिव भक्तों में साफ दिखाई दे रहा था। अलवर में भरतहरी धाम के समीप स्थित नंदेश्वर धाम से जैतपुर खींची नीलकंठ महादेव मंदिर की दूरी 96 किमी है। 11 सदस्यों ने यह दूरी 6 घंटे में पूरी की। 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भक्त चले, करीब 9 किमी का रास्ता पथरीला होने से इस वर्ष डाक कावड़ लाने में कठिन परिश्रम करना पड़ा।
हर वर्ष को तिरंगा यात्रा के साथ कावड़ लाई जाती रही है, लेकिन इस वर्ष डाक कावड़ से बाबा भोले का जलाभिषेक किया गया, तिरंगा यात्रा नहीं होने का मलाल शिव भक्तों में साफ दिखाई दे रहा था। अलवर में भरतहरी धाम के समीप स्थित नंदेश्वर धाम से जैतपुर खींची नीलकंठ महादेव मंदिर की दूरी 96 किमी है। 11 सदस्यों ने यह दूरी 6 घंटे में पूरी की। 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भक्त चले, करीब 9 किमी का रास्ता पथरीला होने से इस वर्ष डाक कावड़ लाने में कठिन परिश्रम करना पड़ा।