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सोलर क्रांति की राह में, बाधक बना गिरता जलस्तर, किसानों को योजना का नहीं मिल रहा लाभ

सरकार ने 3 एचपी व 5 एचपी विधुत भार के कृषि कनेक्शन पर किसानों को अनुदान पर सोलर पम्प उपलब्ध करवाने का प्रावधान है। लेकिन जलस्तर गिरने से किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा।

बस्सीSep 05, 2018 / 04:26 pm

vinod sharma

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सोलर क्रांति की राह में, बाधक बना गिरता जलस्तर, किसानों को योजना का नहीं मिल रहा लाभ

कोटपूतली(जयपुर)। कृषि बिजली कनेक्शन के झंझट से मुक्ति के लिए सोलर पम्पसेट योजना कारगर नहीं हो रही है। सरकार ने 3 एचपी व 5 एचपी विधुत भार के कृषि कनेक्शन पर किसानों को अनुदान पर सोलर पम्प उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया है। लेकिन जलस्तर गिरने से किसानों को योजना का लाभ नहीं मिल रहा। गहराई से पानी खींचने के लिए 3.5 एचपी क्षमता के पम्प कारगर नहीं है। ऐसे में सोलर क्रांति की अलख जगाने से पहले ही योजना धराशायी हो गई है।
केवल तीन आवेदन आए
कृषि बिजली कनेक्शन लेने के इच्छुक किसानों की लम्बी प्रतीक्षा सूची होने के बावजूद सोलर पम्प लेने में उनका रुझान नहीं है। सोलर पम्प योजना से जुडऩे के लिए इच्छुक किसान को विद्युत वितरण निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना होता है। निगम के प्रभारी धर्मपाल ने बताया केवल तीन किसानों के आवेदन आए हैं। कम क्षमता की मोटर कामयाब नहीं होने से किसानों की योजना में रुचि नहीं है।
65 से 75 फीसदी अनुदान
3 व 5 एचपी के सोलर पम्प पर सरकार की ओर से 65 से 75 फीसदी अनुदान देय है। निगम के जेईएन मनोहरसिंह यादव ने बताया कि निगम की अनापत्ति लेने के बाद आवेदक का नाम निगम की कृषि कनेक्शन की वरीयता सूची से पृथक कर दिया जाता है और सोलर पम्प पर 75 प्रतिशत अनुदान मिलता है। ऐसे आवेदक जिनका नाम विधुत निगम की वरीयता सूची में नहीं है वे सीधे ही सोलर पम्प ले सकते है। लेकिन 65 प्रतिशत अनुदान के ही हकदार होंगे।
जलस्तर में गिरावट बेकाबू
अत्याधिक जल दोहन और बरसात की कमी से भूजल स्तर में गिरावट बेलगाम है। जलदाय विभाग के एईएन डीसी गर्ग ने बताया कि कस्बे में सांगटेडा क्षेत्र को छोड़कर नारहेड़ा, कल्याणपुरा, शुक्लाबास, बनेठी, पवाला, मीरापुर फार्म सहित दर्जनों गांवों में जलस्तर 500 से 700 फीट पर है। यहां न्यूनतम 10 एचपी की मोटर ही कारगर है। इससे कम क्षमता के नलकूप से पानी लेना संभव नहीं है। कस्बे में भी कई जगह जलस्तर 500 फीट पहुंच गया है।
फैक्ट फाइल
क्षेत्र …भू-जलस्तर
कोटपूतली …150 से 200 फीट
सांगटेड़ा …200 से 250 फीट
नारहेडा …200 से 250 फीट
कल्याणपुरा कला …500 से 700 फीट
शुक्लावास …400 से 500 फीट

इनका कहना है
जलस्तर अत्याधिक गहरा होने के कारण सोलर पम्प योजना के प्रति किसानों में रुचि नहीं है। तीन व पांच एचपी के सोलर पंप पर ही अनुदान का प्रावधान है।
उधमसिंह यादव, एईएन, विधुत निगम कोटपूतली
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