जयपुर की एक तहसील में अजीब वाक्या, श्मशान में खोल दिया स्कूल
जानकारी के बाद भी अधिकारी मौन, बच्चे रहते भयभीत

विराटनगर. एक ओर सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए तरह-तरह के प्रयास कर रही है, वहीं स्थानीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण क्षेत्र के निजी स्कूल संचालक Private school operator नियम विरुद्ध स्कूलों का संचालन कर रहे हैं। ब्लॉक में एक ऐसा निजी स्कूल संचालित हो रहा है, जिसके पास ना तो स्वयं का भवन है। ना ही मूलभूत सुविधाएं। ये स्कूल श्मशान परिक्षेत्र में भामाशाहों द्वारा निर्मित कमरों में संचालित हो रहा है, लेकिन आज तक इस ओर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं गया।
जानकारी अनुसार ब्लॉक के बाणगंगा धाम के निकट शांति वनस्थली विद्यापीठ के नाम से संचालित निजी स्कूल श्मशान के पास बने कमरों में संचालित हो रहा है। यहां कक्षा 1 से 8 तक करीब 80 विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं।
चंद कदम दूर है श्मशान
स्कूल जिन कमरों में संचालित हो उन कमरों से महज 10 कदम दूर श्मशान के चबूतरे हैं। श्मशान में जब शव का अंतिम संस्कार किया जाता है तो बच्चे सहम जाते हैं। इस कारण पढ़ाई भी बाधित होती है।
जानकारी के बाद भी अनजान
मामले को लेकर पूर्व में विराटनगर डाक बंगले में आयोजित बैठक में लोगों ने सीबीईईओ रामसिंह मीणा से उक्त स्कूल की शिकायत की थी, लेकिन लोगों की शिकायत के बाद भी अधिकारी अनजान बन रहे।
इनका कहना है
जगह के अभाव में विद्यालय का संचालन किया किया जा रहा है। शीघ्र ही विद्यालय। दूसरी जगह स्थानांतरण किया जाएगा।
रवि कुमार, संचालक
मुझे इस तरह के स्कूल संचालन की जानकारी नहीं है। अब जानकारी मिली है। जांच का विषय है। जांच करवाई जाएगी।
रामसिंह मीणा, सीबीईईओ विराटनगर
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