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गांवों में दम तोड़ रही ‘चिकित्सा सेवा’

locationबस्सीPublished: Jul 28, 2018 11:09:24 pm

Submitted by:

Surendra

उप स्वास्थ्य केंद्रों के हालात सबसे ज्यादा खराब, कहीं एएनएम नहीं तो कहीं जर्जर अवस्था में भवन

Sub-health center and PHC case

गांवों में दम तोड़ रही ‘चिकित्सा सेवा’

देवगांव . एक ओर सरकार गांव में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था का दावा कर रही है, वहीं हकीकत में गांवों में चिकित्सा के नाम मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है। चिकित्सा जैसी बुनियादी सेवाएं भी ग्रामीणों को नसीब नहीं हो पा रही है। ग्राम पंचायत मुख्यालय पर स्थित उप स्वास्थ्य केंद्रों के हालात सबसे ज्यादा खराब है। अधिकतर केंद्रों पर एएनएम का पद रिक्त है तो कहीं भवन जर्जर अवस्था में है। इन हालातों का फायदा गांवों में दुकानें खोलकर बैठे झोलाछाप उठा रहे हैं। कस्बे समेत आस पास के गांवों में दर्जनभर से अधिक झोलाछाप है। चिकित्सा विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं होने से इनके हौसले बुलंद हैं। जिसके चलते वे ग्रामीणों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं।
केस-1. राजकीय आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सांभरिया

अधिकांश पद रिक्त, मरीज परेशान

ग्राम पंचायत सांभरिया के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सरकार ने भले ही एक वर्ष पूर्व आदर्श पीएचसी का तमगा दे दिया हो, लेकिन हकीकत कुछ ओर है। अस्पताल परिसर में प्रवेश करते ही मुख्य गेट से लेकर पीछे बने क्वार्टरों तक जंगली पेड़ पौधे झाडिय़ां उगी है। इससे अस्पताल भवन कम वन विभाग की चौकी अधिक नजर आती है। अस्पताल भवन के पीछे चारदीवारी नहीं है। क्वाटरों में रहने वाले कार्मिकों एवं मरीजों को हमेशा जानवरों के आने का भय रहता है। अस्पताल परिसर में टंकी का पानी पास में ही एकत्रित हो रहा है। जिसमें मच्छर पनप रहे हैं। आदर्श पीएचसी में पिछले कई माह में नाम मात्र की महिलाओं की डिलेवरी हुई है, जिससे भी अस्पताल सवालों के घेरे में है। अस्पताल में कम डिलेवरी होने पर प्रभारी चिकित्सक दिनेश बाजिया ने बताया कि अस्पताल से 10 किलोमीटर की दूरी पर मेडिकल कॉलेज व निजी अस्पताल है जिसके कारण ग्रामीण वहां जाना पसंद करते हैं।
यह पद रिक्त

आदर्श पीएचसी पर आयुष चिकित्सक, डीडीसी काउंटर पर सहायक, सफाई कर्मचारी, अकाउंटेंट का पद रिक्त होने से अस्थाई अकाउंटेंट लगाया हुआ है। मेल नर्स ग्रेड प्रथम, फार्मासिस्ट का पद रिक्त है। जिसके चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
केस-2. राजकीय उपस्वास्थ्य केन्द्र, खतैपुरा

2 वर्षों से लटका ताला

ग्राम पंचायत खतैपुरा के ग्रामीणों को पिछले दो वर्ष से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बस्सी और तूंगा जाना पड़ रहा है। उप स्वास्थ्य केंद्र के बंद रहने से बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व यहां कार्यरत एएनएम का स्थानांतरण होने के बाद से यह उप स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़ा है। इससे मरीज झोलाछापों के पास इलाज लेने के लिए मजबूर है। एडवोकेट हनुमान मीना ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा समस्या के प्रति बेरुखी होने से ग्रामीणों में रोष बना हुआ है। ग्रामीणों ने बीसीएमओ से जल्द उप स्वास्थ्य केंद्र को खुलवाकर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। खतैपुरा के अलावा उपस्वास्थ्य केंद्र देवगांव, मुण्डली में भी एएनएम का पद रिक्त होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
केस-3. पालावाला जाटान व करणगढ़ उपस्वास्थ्य केन्द्र

केन्द्रों के भवनों की स्थिति दयनीय

ग्राम पंचायत पालावाला जाटान व करणगढ़ के उप स्वास्थ्य केंद्रों की भवनों को देख कर लगता है कि मरीजों से ज्यादा इन भवनों को इलाज की जरूरत है। इन भवनों में शौचालय, बिजली और पानी की व्यवस्था नहीं है।
इनका कहना है …


जहां-जहां एएनएम के पद रिक्त हैं वहां का चार्ज एडिशनल दे रखा है जिससे टीकाकरण जैसे मुख्य काम प्रभावित ना हो सांभरिया पीएचसी में डिलीवरी की समस्या की जानकारी मुझे है इस मामले में भी तत्काल कदम उठाएंगे बीसीएमओ नए नए आए हैं तो उन्हें कार्य समझने में थोड़ा समय लग सकता है और बीसीएमओ के खुद का अस्पताल चलाने की जानकारी मुझे नहीं है।

डॉ.प्रवीण असवाल, सीएमएचओ जयपुर

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