जयसिंहपुरा खोर स्थित शिवशक्ति नगर निवासी मनमोहन शर्मा ने बताया कि पांच बेटियों के बाद बेटा हुआ। बेटियां उसे दुलार से रखती थी। पांचवी कक्षा तक जयपुर में पढऩे के बाद पांच साल पहले बेटे शिवम को वैदिक ज्ञान के लिए बस्सी चक स्थित बलराम आश्रम वेदविद्यालय की कक्षा प्रथम में भर्ती कराया था। अभी वह आश्रम में पांचवी कक्षा में पढ़ रहा था। समझ में नहीं आ रहा कि आखिर ऐसा क्या हुआ, जो बेटे को ऐसा कदम उठाना पड़ा। यह तो पुलिस की जांच के बाद ही हमें पता चलेगा।
पिता मनमोहन शर्मा ने बताया कि पांच माह पहले मोबाइल रखने की बात को लेकर आश्रम के कुछ बच्चों से शिवम का झगड़ा हुआ था। तब आश्रम वालों ने बेटे का साधारण मोबाइल लेकर रख लिया था। मैंने खुद वहां जाकर बात की, तब जाकर बेटे को मोबाइल वापस लौटाया था। दस दिन पहले बेटा आश्रम से घर आया था, यहां पर खुद ही मोबाइल अपनी मां को दे गया था। बुधवार रात को साथी के मोबाइल से मां से बात की थी। इसके अलावा कोई अन्य परेशानी मेरे सामने नहीं आई। पड़ोसी घनश्याम ने बोला कि शिवम का शव मैंने देखा, उसकी एडी पर चोट का निशान था और दोनों घुटने छिले थे। शिवम की अंत्येष्टी पर परिवार की हालत बेसुध सी हो गई।