पहले बारिश और फिर वापिस गर्म हवा चलने के इस मौसमी उलटफेर का असर फसलों पर भी पड़ रहा है। एक पखवाड़े पहले हुई बारिश के बाद किसानों ने नमी का फायदा उठाने के फेर में बाजरा व मंूगफली की बुवाई कर दी थी, जिससे बाजरा अंकुरित भी हो गया, लेकिन तेज गर्मी में अंकुरित बाजरे व मूंगफली नष्ट होने के कगार पर है। कृषि विज्ञान केन्द्र टांकरड़ा के वैज्ञानिक बाबूलाल यादव ने बताया कि भीषण गर्मी में जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा है, उनकी बाजरे व मूंगफली की पौध बच जाएगी, लेकिन जिनके पास सिंचाई का पानी नहीं है, उनकी फसल में नुकसान होने की आंशका रहेगी।
चौमूं की सहायक कृषि अधिकारी मनीषा शर्मा ने बताया कि बारिश के भरोसे एक पखवाड़ा पहले की गई बाजरे व मूंगफली की फसल को सिंचाई की जरूरत है, जिनके पास पानी की सुविधा नहीं है। उनकी फसल तो झुलस जाएगी और दुबारा बुवाई भी करनी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि बाजरे की फसल की बुवाई का समय एक जुलाई से माना गया है। इसलिए जिन्होंने फसल नहीं बोई है। वे देर नहीं हुए हैं।
सीएमएचओ जयपुर प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा का कहना है कि गर्मी से बचाव रखना चाहिए और घर से निकलने के दौरान सिर पर टोपी व अंगोछा और आंखों पर काला चश्मा जरूर लगाना चाहिए। साथ ही घर से निकतलने से पहले कम से कम दो गिलास पानी जरूर पीकर चलें। भोजन ताजा और हल्का लें, जो आसानी से हजम हो सके।