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सूर्य के ताप का कहर, इन फसलों पर संकट

locationबस्सीPublished: Jun 18, 2020 01:04:52 am

Submitted by:

Gourishankar Jodha

सुबह से ही तापमान बढऩे से गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए, बाजरे-मूंगफली बो चुके किसानों को नुकसान की आशंका, दिन में ग्राहकों की आस लगाए बैठे दुकानदारों को निराशा हाथ लगी

सूर्य के ताप का कहर, इन फसलों पर संकट

सूर्य के ताप का कहर, इन फसलों पर संकट

चौमूं। शहर समेत ग्रामीण क्षेत्र में भीषण गर्मी के चलते बुधवार को सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। शरीर को झुलसा देने वाली दिनभर रही। सुबह से ही तापमान बढऩे से गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए। अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के बाद सूर्य की प्रचंड किरणों ने जमकर कहर बरपाया। दिन में ग्राहकों की आस लगाए बैठे दुकानदारों को निराशा हाथ लगी। बाजरे-मूंगफली बो चुके किसानों को नुकसान की आशंका, कुछ तो लोग कोरोना संक्रमण के कारण कम निकल रहे हैं और बाकी कसर गर्मी ने पूरी कर दी है, जिसके बढऩे कारण ज्यादातर लोग घरों में दुबके रहे।
जानकारी के अनुसार शहर समेत गोविंदगढ़, कालाडेरा, मोरीजा, चीथवाड़ी, सामोद, जालसू, बांसा, रामपुरा डाबड़ी, जाहोता, रायथल, जैतपुरा व अन्य कस्बों में भीषण गर्मी के चलते दिनभर सड़कें सूनी नजर आईं। हालांकि चौमूं के सरकारी कार्यालयों में लॉकडाउन के दौरान रुके कार्यों को करवाने आने वाले लोगों की भीड़ नजर आई, लेकिन इनका भी गर्मी के मारे बुरा हाल रहा। पिछले दिनों में अपेक्षा बुधवार को सर्वाधिक 42 डिग्री सेल्सियस तापमान पहुंच गया है।
फसल पर गर्मी का असर
पहले बारिश और फिर वापिस गर्म हवा चलने के इस मौसमी उलटफेर का असर फसलों पर भी पड़ रहा है। एक पखवाड़े पहले हुई बारिश के बाद किसानों ने नमी का फायदा उठाने के फेर में बाजरा व मंूगफली की बुवाई कर दी थी, जिससे बाजरा अंकुरित भी हो गया, लेकिन तेज गर्मी में अंकुरित बाजरे व मूंगफली नष्ट होने के कगार पर है। कृषि विज्ञान केन्द्र टांकरड़ा के वैज्ञानिक बाबूलाल यादव ने बताया कि भीषण गर्मी में जिन किसानों के पास सिंचाई की सुविधा है, उनकी बाजरे व मूंगफली की पौध बच जाएगी, लेकिन जिनके पास सिंचाई का पानी नहीं है, उनकी फसल में नुकसान होने की आंशका रहेगी।
दुबारा बुवाई भी करनी पड़ सकती
चौमूं की सहायक कृषि अधिकारी मनीषा शर्मा ने बताया कि बारिश के भरोसे एक पखवाड़ा पहले की गई बाजरे व मूंगफली की फसल को सिंचाई की जरूरत है, जिनके पास पानी की सुविधा नहीं है। उनकी फसल तो झुलस जाएगी और दुबारा बुवाई भी करनी पड़ सकती है। उन्होंने बताया कि बाजरे की फसल की बुवाई का समय एक जुलाई से माना गया है। इसलिए जिन्होंने फसल नहीं बोई है। वे देर नहीं हुए हैं।
दो गिलास पानी पीकर निकलें
सीएमएचओ जयपुर प्रथम डॉ. नरोत्तम शर्मा का कहना है कि गर्मी से बचाव रखना चाहिए और घर से निकलने के दौरान सिर पर टोपी व अंगोछा और आंखों पर काला चश्मा जरूर लगाना चाहिए। साथ ही घर से निकतलने से पहले कम से कम दो गिलास पानी जरूर पीकर चलें। भोजन ताजा और हल्का लें, जो आसानी से हजम हो सके।
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